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मध्य प्रदेश में सोलर पंप योजना: किसानों के लिए 90% सब्सिडी

मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना के तहत सोलर पंपों पर 90% सब्सिडी की घोषणा की है। यह योजना विशेष रूप से उन किसानों के लिए है जो सीमित संसाधनों के कारण सिंचाई के खर्च को नहीं उठा पाते। नई नीति के तहत, किसानों को अधिक क्षमता वाले पंपों का विकल्प मिलेगा, जिससे उनकी सिंचाई की जरूरतें बेहतर तरीके से पूरी हो सकेंगी। इस योजना का उद्देश्य किसानों को सस्टेनेबल सिंचाई की सुविधा प्रदान करना और कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।
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मध्य प्रदेश में सोलर पंप योजना: किसानों के लिए 90% सब्सिडी

प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना


केंद्र और राज्य सरकारें कृषि क्षेत्र में सिंचाई को सस्ता और सरल बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही हैं। महंगी बिजली और डीज़ल पर निर्भरता को कम करने के लिए सोलर पंपों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।


इसी दिशा में, मध्य प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य किसानों को अत्यधिक सब्सिडी पर सोलर-बेस्ड सिंचाई की सुविधा प्रदान करना है। यह योजना विशेष रूप से उन किसानों के लिए लाभकारी है, जो सीमित संसाधनों के कारण सिंचाई के खर्च को नहीं उठा पाते।


नियमों में बदलाव

हाल ही में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में इस योजना के नियमों में महत्वपूर्ण बदलावों को मंजूरी दी गई। यह निर्णय किसानों को अधिक क्षमता वाले सोलर पंप प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।


पहले, किसानों को उनके अस्थायी बिजली कनेक्शन की क्षमता के अनुसार सोलर पंप दिए जाते थे, लेकिन अब उन्हें अधिक क्षमता वाले पंप का विकल्प मिलेगा। यह बदलाव उन क्षेत्रों में विशेष रूप से उपयोगी होगा जहां सिंचाई की मांग अधिक है।


5 HP और 7.5 HP पंप का उपयोग

नई नीति के अनुसार, 3 HP अस्थायी बिजली कनेक्शन वाले किसान 5 HP का सोलर पंप प्राप्त कर सकेंगे। इसी तरह, 5 HP वाले किसान 7.5 HP तक के पंप का चयन कर सकेंगे। यह सुविधा उन किसानों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जिनके पास बड़ी ज़मीन है या जिन क्षेत्रों में पानी का स्तर कम है।


सरकार का मानना है कि अधिक क्षमता वाले पंप सिंचाई को अधिक प्रभावी और समय बचाने वाला बनाएंगे।


किसानों का योगदान

मध्य प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस योजना के पहले चरण में, अस्थायी बिजली कनेक्शन वाले और बिना बिजली वाले क्षेत्रों के किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। सरकार 7.5 HP क्षमता तक के सोलर पंप पर 90% तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है, जिससे किसानों को केवल 10% योगदान करना होगा।


यह सहायता डीज़ल और बिजली की बढ़ती कीमतों के बीच किसानों के लिए एक बड़ी राहत है, क्योंकि सोलर पंप लगाने से सिंचाई का खर्च और फसल की लागत में कमी आएगी।


सस्टेनेबल सिंचाई

केंद्र सरकार की लोकप्रिय कुसुम-B योजना को मध्य प्रदेश में 24 जनवरी, 2025 से प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना के नए नाम और संरचना के साथ लागू किया गया है। यह योजना मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम द्वारा संचालित की जा रही है।


सरकार को उम्मीद है कि सोलर पंपों के बढ़ते उपयोग से न केवल किसानों को सस्टेनेबल सिंचाई की सुविधा मिलेगी, बल्कि बिजली सब्सिडी पर वित्तीय बोझ भी कम होगा।


आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम

विशेषज्ञों का मानना है कि सोलर ऊर्जा पर आधारित सिंचाई प्रणाली कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सोलर पंप की लंबी उम्र, कम रखरखाव और पर्यावरण के अनुकूल कार्यप्रणाली उन्हें भविष्य के लिए आदर्श बनाती है।


प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना में किए गए इस बदलाव से न केवल किसानों की लागत में कमी आएगी, बल्कि कृषि क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा की ओर तेजी से बढ़ने में भी मदद मिलेगी।