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मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में बुजुर्ग महिला की अद्भुत पैरवी का वीडियो वायरल

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक बुजुर्ग महिला का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह अपने पति की हत्या के आरोप में खुद पैरवी करती नजर आ रही हैं। महिला ने आत्मविश्वास से जज के सवालों का जवाब दिया, जिससे जज भी हैरान रह गए। इस मामले में महिला पर आरोप है कि उसने अपने पति को जहर देकर और करंट लगाकर मार डाला। जानें इस मामले की पूरी कहानी और महिला के दावों के बारे में।
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मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में बुजुर्ग महिला की अद्भुत पैरवी का वीडियो वायरल

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का एक पुराना वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है। इस वीडियो में एक बुजुर्ग महिला अपने पति की हत्या के आरोप में खुद अपनी पैरवी करती हुई दिखाई दे रही हैं। महिला की दलीलें सुनकर जज भी चकित रह गए और पूछ बैठे, "क्या आप केमिस्ट्री की प्रोफेसर हैं?" महिला ने सकारात्मक उत्तर दिया। आइए जानते हैं इस महिला के बारे में और उन पर लगे आरोपों के बारे में।


वायरल वीडियो की जानकारी

इस वायरल वीडियो में महिला मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में उपस्थित हैं। जज उनसे पूछते हैं, "आप पर अपने पति को बिजली का झटका देकर मारने का आरोप है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बारे में आपका क्या कहना है?" महिला आत्मविश्वास के साथ उत्तर देती हैं, "सर, पोस्टमार्टम के दौरान थर्मल बर्न और इलेक्ट्रिक बर्न के बीच अंतर करना संभव नहीं है।"


जज ने फिर पूछा, "क्या आप केमिस्ट्री की प्रोफेसर हैं?" महिला ने बताया कि "हां, मैं एक प्रोफेसर हूं।" सुनवाई न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल और न्यायमूर्ति देवनारायण मिश्रा की खंडपीठ द्वारा की जा रही थी। महिला ने समझाया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह साबित नहीं हो पाया कि निशान थर्मल बर्न हैं या इलेक्ट्रिक बर्न।


महिला और आरोपों का विवरण

यह मामला मध्य प्रदेश के छतरपुर से संबंधित है। 2021 में डॉ. नीरज पाठक की हत्या हुई थी। सेशन कोर्ट ने उनकी पत्नी ममता पाठक को आरोपी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी। आरोप था कि ममता ने अपने पति को अवैध संबंधों के चलते जहर देकर और करंट लगाकर मार डाला।



महिला को 21 अप्रैल तक अंतरिम जमानत मिली थी। इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट में जमानत के लिए अपील की, जिसमें उन्होंने खुद पैरवी की। यह वीडियो अब वायरल हो रहा है। दो दिन की सुनवाई के बाद कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत को फैसला आने तक बढ़ा दिया।


पुलिस पर आरोप

ममता पाठक ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पति की मौत 29 अप्रैल को हुई थी, जबकि पुलिस ने 7 मई को एफआईआर दर्ज की। उन्होंने यह भी कहा कि उनसे एक खाली पन्ने पर साइन करवा लिए गए और उनके झूठे बयान दर्ज किए गए। ममता ने दावा किया कि उनके पति की मौत सामान्य थी। हालांकि, जांच में यह सामने आया कि इस दंपति के बीच 20 वर्षों से विवाद चल रहा था, जिसका मुख्य कारण अवैध संबंधों पर संदेह था।