मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों के लिए भावान्तर योजना की घोषणा की

किसानों के कल्याण के लिए नई पहल
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बृहस्पतिवार को स्पष्ट किया कि उनकी सरकार का प्राथमिक उद्देश्य किसानों का कल्याण है। इसी दिशा में, सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए भावान्तर योजना लागू करने का निर्णय लिया गया है।
एक आधिकारिक बयान में, मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसी भी स्थिति में किसानों को नुकसान नहीं होने देगी और सोयाबीन का उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने सोयाबीन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5328 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यदि सोयाबीन की बिक्री एमएसपी से कम होती है, तो किसानों के नुकसान की भरपाई भावान्तर योजना के तहत की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि किसान संघों के सुझावों के आधार पर, इस वर्ष सोयाबीन उत्पादकों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
किसान पहले की तरह मंडियों में सोयाबीन बेचेंगे। यदि बिक्री मूल्य एमएसपी से कम है, तो सरकार नुकसान की भरपाई करेगी। उन्होंने कहा कि फसल के विक्रय मूल्य और एमएसपी के बीच का अंतर सीधे किसानों को दिया जाएगा।
यादव ने बताया कि भावान्तर योजना के तहत किसानों के पंजीकरण की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। यदि मंडी में औसत गुणवत्ता की कृषि उपज का विक्रय मूल्य न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम है, लेकिन राज्य सरकार द्वारा घोषित औसत मॉडल मूल्य से अधिक है, तो किसान को केवल न्यूनतम समर्थन मूल्य और वास्तविक बिक्री मूल्य के बीच का अंतर मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पहले भी फसलों की क्षति पर किसानों को राहत राशि दी गई है और किसान हित में कई निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि संकट के समय में सरकार हमेशा किसानों के साथ खड़ी रहेगी।