मनसा देवी मंदिर में भगदड़: श्रद्धालुओं की भीड़ में मची अफरा-तफरी

श्रावण का पावन दिन और मंदिर में उमड़ी भीड़
श्रावण महीने का एक महत्वपूर्ण दिन था, जब रविवार की सुबह भक्तों की बड़ी संख्या मनसा देवी मंदिर में दर्शन के लिए पहुंची। सिर पर चुनरी और हाथों में फूल तथा प्रसाद लिए लोग भक्ति में लीन थे, लेकिन अचानक माहौल में हड़कंप मच गया।
अफवाह ने बढ़ाई दहशत
सुबह लगभग 9 बजे, अचानक किसी ने चिल्लाकर कहा कि सीढ़ियों पर करंट वाला बिजली का तार गिर गया है। इस सूचना ने वहां मौजूद हजारों श्रद्धालुओं में दहशत फैला दी। लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे, जिससे सीढ़ियों पर भगदड़ मच गई। कई लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर गए, जबकि कुछ ने दीवारों और पेड़ों पर चढ़कर खुद को बचाने की कोशिश की।
दुखद परिणाम: 6 की मौत, 22 घायल
इस भगदड़ में अब तक 6 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। इसके अलावा, 22 लोग घायल हुए हैं, जिनमें 8 महिलाएं और 7 बच्चे शामिल हैं। मंदिर परिसर की सीढ़ियों पर टूटी चूड़ियां, चप्पलें और बिखरे सामान इस घटना की भयावहता को दर्शाते हैं।
मंदिर तक पहुंचने का एकमात्र रास्ता
जानकारी के अनुसार, मनसा देवी मंदिर तक केवल पैदल रास्ता है, जो संकरा और लंबा है। यही कारण है कि वहां अक्सर भीड़ बनी रहती है, विशेषकर सावन के रविवार को। इस दिन हादसा हुआ जब भक्तों की संख्या अत्यधिक बढ़ गई।
घायलों की आपबीती
एक घायल व्यक्ति ने बताया, "हम मंदिर से केवल 20-25 कदम की दूरी पर थे। अचानक शोर मचा और भीड़ ने धक्का-मुक्की शुरू कर दी। मैं गिर गया और मेरे ऊपर कई लोग गिर गए। मेरे परिवार के 3 सदस्य तो मिल गए, लेकिन दो अभी भी नहीं मिले हैं।" एक महिला श्रद्धालु ने कहा, "भीड़ बहुत ज़्यादा थी। जब भगदड़ मची, मैं गिर गई और मेरा हाथ टूट गया।"
क्या सच में गिरा था बिजली का तार?
इस हादसे के पीछे की असली वजह को लेकर विभिन्न दावे सामने आए हैं। नगर थाना प्रभारी रितेश साहा ने बताया कि "तार गिरा और तभी भगदड़ मच गई।" वहीं, एक रिपोर्ट के अनुसार अस्पताल में भर्ती एक व्यक्ति को करंट लगने की बात सामने आई है। बाकी सभी की मौत भगदड़ में चोट लगने से हुई।
प्रशासन की जांच जारी
अधिकारियों का कहना है कि यह हादसा बिजली के तार की अफवाह के चलते हुआ। हालांकि, मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है ताकि असली कारण सामने आ सके और भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें।
श्रद्धा से मातम तक का सफर
श्रावण जैसे पवित्र महीने में मनसा देवी मंदिर में जो हुआ, उसने श्रद्धालुओं को गहरा सदमा दिया है। जहां भक्त भगवान की आराधना करने आए थे, वहां कुछ ही पलों में हाहाकार और मातम छा गया। यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही का संकेत देती है, बल्कि भविष्य में ऐसे आयोजनों में भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर ज़रूरत को भी उजागर करती है।