मनोज तिवारी की कांवड़ यात्रा: 110 किलोमीटर की पैदल यात्रा ने दी आध्यात्मिक शक्ति

कांवड़ यात्रा का अद्भुत अनुभव
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नॉर्थ ईस्ट दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने इस साल कांवड़ यात्रा को सफलतापूर्वक पूरा कर एक प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया है। भोजपुरी गायक से राजनेता बने तिवारी ने सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर बाबा बैद्यनाथ धाम तक की कठिन यात्रा नंगे पैर 110 किलोमीटर चलकर पूरी की, जिसके कारण उनके पैरों में गंभीर छाले पड़ गए।
राजनीति से समय निकालकर आस्था का पालन
मनोज तिवारी ने बताया कि वह 30 साल बाद इस यात्रा पर निकले हैं। पहले भी वह बाबा वैद्यनाथ के दर्शन कर चुके हैं, लेकिन राजनीतिक व्यस्तता के कारण पिछले कुछ वर्षों में यात्रा नहीं कर पाए थे। इस बार उन्होंने ठान लिया था कि वह हर हाल में बाबा को जल अर्पित करेंगे।
भक्ति में लीन तिवारी
सुल्तानगंज में गंगा स्नान के बाद, उन्होंने कांवड़ में जल भरकर बाबा धाम की ओर प्रस्थान किया। यात्रा के दौरान तिवारी भजन गाते और 'बोल बम' के जयकारे लगाते रहे। सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें वह आम श्रद्धालुओं की तरह चलते नजर आ रहे हैं। यात्रा पूरी करने के बाद उन्होंने इसे आध्यात्मिक और दिव्य अनुभव बताया।
पैरों में छाले, फिर भी संसद पहुंचे
तीन अगस्त को दिल्ली लौटने के बाद, मनोज तिवारी ने सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें साझा कीं, जिनमें उनके पैरों में पट्टियां बंधी थीं। उन्होंने लिखा, 'जय भोलेनाथ… जय वैद्यनाथ। मैं अर्धरात्रि दिल्ली पहुंच गया था। 110 KM पैदल… नंगे पांव… कांवड़ संभाल कर चला… जिसने चलाया, पहुंचाया, वो महादेव ही थे।'
व्हीलचेयर की मदद से संसद भवन में प्रवेश
कांवड़ यात्रा के कारण शारीरिक थकावट और पैरों की तकलीफ इतनी बढ़ गई कि तिवारी को व्हीलचेयर की सहायता से संसद भवन तक जाना पड़ा। सोमवार और मंगलवार को जब वे संसद पहुंचे, तो भाजपा और अन्य दलों के कई नेताओं ने उनका हालचाल लिया।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का हालचाल
मनोज तिवारी ने बताया कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी फोन पर उनसे बात की और उनकी स्थिति के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि भले ही शरीर थका हो, लेकिन मन को अद्भुत शांति और शक्ति की अनुभूति हो रही है।