ममता बनर्जी की झारग्राम रैली: बंगाली पहचान की रक्षा का संकल्प

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की रैली
ममता बनर्जी: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने बुधवार को झारग्राम में एक महत्वपूर्ण रैली का आयोजन किया। यह रैली देश के विभिन्न हिस्सों में बंगाली भाषी प्रवासियों पर हो रहे हमलों और अपमान के खिलाफ थी। ममता ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोई भी बंगाली बोलने वाला व्यक्ति बांग्लादेशी नहीं हो सकता। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि बंगाल की भाषा और पहचान पर हमला हुआ, तो तृणमूल कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी।
ममता बनर्जी ने कहा, "यदि असली मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए गए, तो मैं पूरे विश्व में इसका विरोध करूंगी... भाजपा नेता अमित मालवीय मेरी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं... चाहे आप मुझे गिरफ्तार करने आएं या गोली मार दें, मैं बंगाली भाषा के अपमान के खिलाफ विरोध जारी रखूंगी..."
Jhargram, West Bengal | CM Mamata Banerjee says, "If genuine voters are removed from the voter list, then I will protest in the entire world... Malpua (BJP leader Amit Malviya) is demanding my arrest... Even if you come to arrest me or shoot me, I will keep protesting against the… pic.twitter.com/yIoEj1ixXG
— ANI (@ANI) August 6, 2025
झारग्राम में मार्च का आयोजन
ममता बनर्जी ने आदिवासी बहुल झारग्राम क्षेत्र में 3 किलोमीटर लंबा मार्च निकाला। इस मार्च में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कई वरिष्ठ नेता, सांस्कृतिक हस्तियाँ और सैकड़ों आम नागरिक शामिल हुए। सभी ने बैनर और पोस्टर पकड़े हुए थे, जिन पर लिखा था, 'बंगाल का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा' और 'बंगाली मेरी माँ है'। रैली के दौरान ममता ने कहा कि केवल बंगाली बोलने से कोई बांग्लादेशी कैसे हो सकता है? यह हमारे स्वाभिमान पर हमला है।
प्रवासी बंगालियों के साथ दुर्व्यवहार
रैली के आयोजन के पीछे, देश के कुछ हिस्सों से ऐसी खबरें आईं कि बंगाली प्रवासी मजदूरों और कामकाजी लोगों के साथ भाषा और पहचान के आधार पर दुर्व्यवहार किया जा रहा है। ममता बनर्जी ने कहा कि यह केवल एक भाषा पर हमला नहीं है, बल्कि पूरे बंगाली समुदाय की पहचान पर हमला है। उन्होंने कहा कि बंगाल की संस्कृति, भाषा और पहचान को दबाने की कोई भी कोशिश सफल नहीं होगी। इसके साथ ही, ममता ने यह भी कहा कि भाजपा नेता लोगों से उनकी पहचान साबित करने के लिए जन्म प्रमाण पत्र मांग रहे हैं, लेकिन क्या उनके पास अपने दस्तावेज़ हैं? झारग्राम रैली में उन्होंने यह भी दावा किया कि पिछले दरवाज़े से एनआरसी लाने की कोशिश की जा रही है।
मतदाता सूची से नाम हटाने पर ममता की चेतावनी
रैली के दौरान, ममता बनर्जी ने 'विशेष गहन पुनरीक्षण' के नाम पर बंगाली भाषियों के नाम मतदाता सूची से हटाए जाने के आरोपों पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने चुनाव आयोग को चेतावनी दी कि किसी भी मतदाता का नाम केवल इसलिए नहीं हटाया जाना चाहिए क्योंकि वह बंगाली है। यह लोकतंत्र के साथ विश्वासघात होगा और बंगाल की जनता इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। साथ ही, उन्होंने सीएम हिमंत सरमा पर सवाल उठाते हुए कहा कि वहां की सरकार को बंगाल के लोगों को एनआरसी नोटिस भेजने का क्या अधिकार है?
2026 विधानसभा चुनाव की तैयारी
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, ममता बनर्जी की यह रैली न केवल बंगाली अस्मिता की रक्षा के लिए थी, बल्कि 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी की राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने की रणनीति भी है। बंगाल की सीएम ने भावनात्मक अपील करके यह संदेश देने की कोशिश की कि वह बंगालियों की सुरक्षा, सम्मान और अधिकारों की लड़ाई में सबसे आगे खड़ी हैं। अब देखना यह है कि इस अभियान का बंगाल से बाहर रहने वाले बंगाली मतदाताओं पर कितना असर पड़ता है।