ममता बनर्जी ने पहलगाम हमले के लिए केंद्र को ठहराया जिम्मेदार

पहलगाम में आतंकवादी हमला और राजनीतिक प्रतिक्रिया
कोलकाता। 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 भारतीय पर्यटकों की हत्या के बाद, पहली बार किसी राजनीतिक पार्टी ने इस घटना के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि यह आतंकवादी हमला केंद्र सरकार की लापरवाही का परिणाम है। विधानसभा में मंगलवार को उनके द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में सेना की सराहना की गई, लेकिन भाजपा के विधायकों ने इस प्रस्ताव में 'सिंदूर' शब्द का उल्लेख न होने पर हंगामा किया। ममता ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनावों के समय भाजपा पुलवामा जैसी घटनाओं को अंजाम देती है।
ममता ने प्रस्ताव पास होने से पहले कहा, 'पहलगाम में हुआ आतंकी हमला केंद्र की लापरवाही का नतीजा था।' उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल किया कि 'आतंकवादी हमले वाली जगह पर सुरक्षाकर्मी क्यों नहीं थे?' ममता ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सैनिकों की बहादुरी का राजनीतिकरण कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को हट जाना चाहिए क्योंकि यह देशवासियों को सुरक्षा देने में असफल रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए ममता ने कहा कि वह केवल अपने प्रचार में व्यस्त हैं। उन्होंने कहा, 'आतंकवाद का कोई धर्म या जाति नहीं होती; हम इसका समर्थन नहीं करते। आतंकवादियों को सबक सिखाने की आवश्यकता है, और हम सशस्त्र बलों की बहादुरी को सलाम करते हैं।' ममता ने विधानसभा में यह भी कहा कि पहलगाम हमले के बाद की सैन्य कार्रवाई, ऑपरेशन सिंदूर पीओके को वापस लेने का एक अच्छा अवसर था। उन्होंने फिर से आरोप लगाया कि चुनावों के नजदीक भाजपा पुलवामा जैसी घटनाएं करवाती है।
ममता के भाषण के बाद, देश की सुरक्षा में सैन्य बलों के साहस की सराहना करते हुए प्रस्ताव पेश किया गया, जिसे बिना किसी विरोध के पारित कर दिया गया। हालांकि, नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि पहलगाम हमले में विशेष रूप से एक धार्मिक समुदाय को निशाना बनाया गया, जिसका प्रस्ताव में उल्लेख नहीं किया गया। भाजपा ने यह सवाल उठाया कि प्रस्ताव में 'सिंदूर' शब्द क्यों नहीं है। इस मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच तीखी बहस हुई, लेकिन थोड़ी देर बाद सदन में व्यवस्था बहाल हो गई और प्रस्ताव को आम सहमति से पारित कर दिया गया।