मराठा आरक्षण के लिए मनोज जरांगे पाटिल का दृढ़ संकल्प

मनोज जरांगे पाटिल का आजाद मैदान पर अडिग रहना
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने मंगलवार को मुंबई पुलिस द्वारा जारी नोटिस का कड़ा जवाब दिया है, जिसमें उन्हें आजाद मैदान खाली करने के लिए कहा गया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह किसी भी स्थिति में आजाद मैदान नहीं छोड़ेंगे, यहां तक कि अगर उन्हें अपनी जान भी देनी पड़े। इसके साथ ही, उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भी चेतावनी दी है।
मनोज जरांगे पाटिल मराठा समुदाय को आरक्षण दिलाने के लिए उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। इस आंदोलन के चलते मुंबई की स्थिति पूरी तरह से प्रभावित हुई है। उच्च न्यायालय ने जरांगे के समर्थकों को मंगलवार दोपहर तक सभी सड़कों को खाली करने का आदेश दिया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, जरांगे ने कहा, "मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, आप सोमवार को होने वाले जनाक्रोश को सहन नहीं कर पाएंगे। बेहतर होगा कि प्रदर्शनकारी शनिवार और सोमवार को मुंबई आएं। मैं मर भी जाऊं तो आजाद मैदान से नहीं उठूंगा।"
उन्होंने आगे कहा, "हमें पूरा विश्वास है कि हमें न्याय मिलेगा। आजाद मैदान से बेदखल करना सरकार के लिए महंगा साबित होगा। पिछले दो वर्षों से हम शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे हैं। हमारा प्रदर्शन कानून के दायरे में है। हमें उम्मीद है कि अदालत हमारे पक्ष में फैसला देगी। जैसे ही अदालत का आदेश आया, हमने गाड़ियाँ हटा दीं। अब मुंबई में कहीं भी ट्रैफिक जाम नहीं है। हमें 100% न्याय मिलेगा। हम लोकतांत्रिक तरीके से विरोध कर रहे हैं।"
आजाद मैदान में उन्होंने कहा, "मैं सरकार और फडणवीस से कहता हूँ कि जब तक हमारी सभी मांगें पूरी नहीं होतीं, हम मुंबई नहीं छोड़ेंगे। राज्य के सभी मराठा प्रदर्शनकारियों पर दर्ज मामले वापस लें, हम पर हमला करने वाले पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करें और उनके खिलाफ कार्रवाई करें। देवेंद्र फडणवीस को पुलिस के माध्यम से प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करवाने के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए। अन्यथा, हम उन्हें दिखा देंगे कि मराठा क्या होते हैं।"