मराठी भाषा के विवाद पर मनसे कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी, व्यापारियों का विरोध

मनसे की रैली में गिरफ्तारी और विरोध
महाराष्ट्र में एक फूड स्टॉल मालिक के साथ मारपीट के खिलाफ आयोजित रैली के दौरान, राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कई कार्यकर्ताओं को मंगलवार को हिरासत में लिया गया। यह घटना मीरा भयंदर क्षेत्र में हुई, जिसके चलते ठाणे जिले में भारी पुलिस बल तैनात किया गया और सड़कें जाम होने से यातायात प्रभावित हुआ।
पुलिस की अनुमति के बिना मार्च की योजना
मनसे कार्यकर्ताओं ने बिना पुलिस की अनुमति के मुंबई तक मार्च निकालने की योजना बनाई थी। हालांकि, सुबह-सुबह मनसे के ठाणे और पालघर प्रमुख अविनाश जाधव सहित अन्य नेताओं को हिरासत में लेने से पार्टी की योजना विफल हो गई। मनसे के नेता संदीप देशपांडे ने कहा कि उन्हें सुबह साढ़े तीन बजे गिरफ्तार किया गया और इसे 'आपातकाल जैसी' स्थिति करार दिया।
व्यापारी पर हमला और उसके परिणाम
इस महीने की शुरुआत में, भयंदर में एक फूड स्टॉल मालिक को कुछ मनसे कार्यकर्ताओं ने मराठी में बात न करने पर थप्पड़ मारा था। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे व्यापारी समुदाय में भारी आक्रोश फैल गया। बाद में मनसे के सात सदस्यों को हिरासत में लिया गया और उनसे पूछताछ की गई। भारतीय न्याय संहिता के तहत दंगा, धमकी और मारपीट का मामला दर्ज किया गया।
व्यापारी समुदाय का विरोध
भयंदर क्षेत्र के व्यापारियों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया और फूड स्टॉल मालिक पर हमले के लिए मनसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। यह घटना मनसे द्वारा राज्य में वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और बैंकों में मराठी भाषा के उपयोग को बढ़ावा देने के प्रयास के बाद हुई।