Newzfatafatlogo

मराठी भाषा विवाद: मनसे की चुनावी रणनीति में नया मोड़

महाराष्ट्र में बीएमसी और स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारी के बीच, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने मराठी भाषा को लेकर एक नई रणनीति अपनाई है। राज ठाकरे ने कार्यकर्ताओं को समझाया कि लोगों को पहले समझाना चाहिए और गुटबाजी से बचना चाहिए। उन्होंने चुनावी तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और मनसे की चुनावी रणनीति के बारे में।
 | 
मराठी भाषा विवाद: मनसे की चुनावी रणनीति में नया मोड़

मराठी भाषा विवाद:

महाराष्ट्र में बीएमसी और स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारी जोरों पर है। इस बीच, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने मराठी भाषा को लेकर एक नई दिशा में कदम बढ़ाया है। मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने हाल ही में अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की, जिसमें उन्होंने मराठी भाषा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कार्यकर्ताओं को समझाया कि लोगों को पहले समझाना चाहिए, न कि उन पर हमला करना चाहिए। यदि कोई विरोध करता है, तो उसी तरह का व्यवहार अपनाने की सलाह दी गई।


राज ठाकरे का संदेश

राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे के साथ संभावित सहयोग पर टिप्पणी करते हुए कहा, 'अगर हम दोनों भाई बीस साल बाद एक साथ आ सकते हैं, तो आपस में लड़ाई क्यों?' उन्होंने कार्यकर्ताओं को चुनावी तैयारी पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया और कहा कि उनकी पार्टी मुंबई में सबसे मजबूत है। उन्होंने यह भी कहा कि किसके साथ गठबंधन करना है, यह उनके ऊपर छोड़ दिया जाए। सही समय पर उचित निर्देश दिए जाएंगे।


वीडियो बनाने से बचें

राज ठाकरे ने अपने पदाधिकारियों को सलाह दी कि बिना कारण किसी को न पीटें और पहले उन्हें समझाएं। यदि वे मराठी सीखने के लिए तैयार हैं, तो उन्हें सिखाएं, लेकिन अगर वे अहंकार दिखाते हैं, तो उसी तरह का व्यवहार अपनाएं। इसके अलावा, उन्होंने कार्यकर्ताओं को मतदाता सूची पर ध्यान देने और चुनावी तैयारियों में पुराने कार्यकर्ताओं को शामिल करने का निर्देश दिया।


गुटबाजी से न झुकें

राज ठाकरे ने कार्यकर्ताओं को स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने और आत्मविश्वास के साथ काम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि पार्टी की आंतरिक ईर्ष्या और गुटबाजी के आगे नहीं झुकना चाहिए। नए पदाधिकारियों का स्वागत करें और मिलकर काम करें। आपसी ईर्ष्या को दूर करने पर जोर दिया गया।