मलेशिया में जदयू सांसद संजय झा की आतंकवाद पर महत्वपूर्ण बैठकें

सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की मलेशिया यात्रा
कुआलालंपुर। जदयू सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने मलेशिया में सत्तारूढ़ दलों के साथ महत्वपूर्ण वार्ताएं की।
इन चर्चाओं में भारत ने पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद और 'ऑपरेशन सिंदूर' के संदर्भ में ठोस तथ्यों और सबूतों के साथ अपनी स्थिति स्पष्ट की।
मलेशिया ने भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का समर्थन करते हुए आतंकवाद और हिंसा को अस्वीकार्य बताया।
संजय झा ने एक समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा, "हमने मलेशिया की सत्तारूढ़ पार्टियों से मुलाकात की और 22 अप्रैल को पहलगाम हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता को सबूतों के साथ उजागर किया। मलेशिया ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की सराहना की।"
उन्होंने सिंधु नदी जल समझौते पर भी चर्चा की, जिसमें बताया गया कि 1960 में यह संधि मित्रता की भावना से हुई थी, जो अब पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन के कारण प्रभावित हुई है।
संजय झा ने कहा कि मलेशिया के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के बीच दिल्ली में हुई मुलाकात की गर्मजोशी को याद किया।
उन्होंने कहा कि यह दोस्ती का संदेश दोनों देशों के बीच सकारात्मक माहौल बनाने में सहायक है। आतंकवाद आज भारत में है, कल यह कहीं और हो सकता है।
उन्होंने भारत की आर्थिक प्रगति पर भी प्रकाश डाला और कहा कि पिछले दस वर्षों में भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, जिसे मलेशिया ने सराहा।
उन्होंने यह भी कहा कि जब से प्रधानमंत्री मोदी ने पद ग्रहण किया है, तब से हमने हर क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि हमारा इरादा युद्ध का नहीं है, लेकिन यदि कोई हमें छेड़ेगा, तो हम उसे नहीं छोड़ेंगे। संभवतः पाकिस्तान हमारी आर्थिक प्रगति से जलता है, इसलिए वह हमें दिग्भ्रमित करने के लिए इस तरह की हरकतें करता रहेगा।
भाजपा सांसद हेमांग जोशी ने कहा कि मलेशिया में हमारा दूसरा दिन था, जहां हमने सत्तारूढ़ पीपल्स जस्टिस पार्टी और उपमंत्री के साथ बैठक की। हमने पहलगाम हमले में पाकिस्तान की भूमिका और ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की कार्रवाई के सबूत साझा किए। मलेशिया ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद और हिंसा का इस्लाम में कोई स्थान नहीं है और वह भारत के आतंकवाद विरोधी संघर्ष में सहयोगी है।
सलमान खुर्शीद ने कहा कि जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और इंडोनेशिया के बाद मलेशिया उनकी यात्रा का पांचवां और अंतिम पड़ाव था। सभी देशों में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता और समर्थन देखने को मिला।
उन्होंने बताया कि मलेशिया की दोनों पार्टियों ने भारत के आतंकवाद विरोधी रुख का समर्थन किया और इसे अपनी सरकारी एजेंसियों के सामने रखने का आश्वासन दिया। इससे भारत को अपनी चिंताओं को वैश्विक मंच पर उठाने में काफी हौसला मिला है।