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मसूद अजहर की खौफनाक भागदौड़: भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकियों में मचाई खलबली

मसूद अजहर, जो कभी आतंकियों को जन्नत का सपना दिखाता था, अब खुद मौत के डर से भाग रहा है। भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने उसे अफगानिस्तान में छिपने पर मजबूर कर दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, वह तालिबान के संरक्षण में एक आतंकी प्रशिक्षण कैंप में है। अजहर की स्थिति अब बेहद चिंताजनक है, क्योंकि उसके करीबी रिश्तेदार मारे जा चुके हैं। जानिए कैसे भारत की सटीक रणनीति ने आतंकियों के नेटवर्क को हिला कर रख दिया है और मसूद अजहर अब खुलकर साजिशें नहीं रच पा रहा है।
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मसूद अजहर की खौफनाक भागदौड़: भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकियों में मचाई खलबली

आतंकियों के लिए जन्नत का सपना अब खौफ में बदल गया

जिसने कभी आतंकियों को 'जन्नत' का सपना दिखाकर उन्हें मौत के रास्ते पर भेजा, आज वही खुद मौत के डर से भाग रहा है। भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान के पाले हुए खतरनाक आतंकियों की नींद उड़ा दी है। हालिया रिपोर्टों के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख मसूद अजहर अब पाकिस्तान छोड़कर अफगानिस्तान में छिपा हुआ है। कहा जा रहा है कि वह तालिबान के संरक्षण में एक आतंकी प्रशिक्षण कैंप में है।


मसूद अजहर की छिपने की मजबूरी

मसूद अजहर अब सार्वजनिक रूप से सामने आने से बच रहा है। भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई सटीक और आक्रामक कार्रवाई ने पाकिस्तान और उसके आतंकवादी संगठनों को बुरी तरह से डरा दिया है। अजहर को यह डर है कि अगला निशाना वह खुद हो सकता है, इसलिए उसने चुपचाप अपना ठिकाना बदल लिया है।


अफगानिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के कैंप में छिपा अजहर

सूत्रों के अनुसार, मसूद अजहर इस समय अफगानिस्तान के खोस्त प्रांत के गुरबुज जिले में लश्कर-ए-तैयबा के एक प्रशिक्षण कैंप में छिपा हुआ है। गंभीर दिल की बीमारी से ग्रस्त अजहर समय-समय पर कराची जाकर इलाज करवा रहा है, लेकिन वह यह सब बेहद गोपनीय तरीके से करता है ताकि उसकी जानकारी किसी को न लगे। डॉक्टरों ने उसे कम बोलने की सलाह दी है।


ऑपरेशन सिंदूर का आतंकियों पर प्रभाव

भारत के ऑपरेशन सिंदूर के तहत मसूद अजहर के कई करीबी रिश्तेदार मारे जा चुके हैं। इसी डर से वह खुद छिपा हुआ है और अपने भाई मौलाना तल्हा को भी अफगानिस्तान ले जाकर आतंकी कैंप की जिम्मेदारी सौंप दी है। अजहर को अच्छी तरह से पता है कि भारत अब केवल चेतावनी नहीं देता, बल्कि सीधी कार्रवाई करता है।


तालिबान की पुरानी दोस्ती बनी सहारा

हालांकि अफगान तालिबान सरकार यह दावा करती है कि वह आतंकियों को पनाह नहीं देती, लेकिन हकीकत यह है कि तालिबान के कई पुराने कमांडर आज भी जैश और लश्कर जैसे संगठनों से गहरे संबंध रखते हैं। यही कारण है कि मसूद अजहर को अफगानिस्तान में सुरक्षित ठिकाना मिल गया है। केवल अजहर ही नहीं, अल-कायदा से जुड़े डॉक्टर अब्दुल रऊफ भी कुनार प्रांत में एक आतंकी प्रशिक्षण केंद्र में छिपा हुआ है।


जान की भीख मांगता आतंकी सरगना

जो कभी माइक पर खड़े होकर 72 हूरों की बात करता था और 'शहादत' का पाठ पढ़ाता था, आज वही मसूद अजहर जान बचाने के लिए दर-दर भटक रहा है। ऑपरेशन सिंदूर ने आतंक के उन अड्डों को भी खत्म कर दिया है जिन्हें पहले कोई छूने की हिम्मत नहीं करता था। अब स्थिति यह है कि जो अपने लड़ाकों को मौत के मुंह में धकेलता था, वह खुद मौत से डरकर एक कोने में दुबका बैठा है।


भारत की रणनीति से आतंकियों में हड़कंप

भारतीय खुफिया एजेंसियों की सटीक रणनीति और ऑपरेशन सिंदूर जैसी कार्रवाइयों ने आतंकवादी संगठनों की रीढ़ तोड़ दी है। अब पाकिस्तान में पल रहे आतंकियों को यह एहसास होने लगा है कि भारत अब पलटवार करने से पीछे नहीं हटता। यही कारण है कि मसूद अजहर जैसे सरगना अब न तो पाकिस्तान में सुरक्षित महसूस कर रहे हैं और न ही खुलकर साजिशें रच पा रहे हैं।