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महाकाल मंदिर के पास अवैध इमारतों का ध्वस्तीकरण: प्रशासन की कार्रवाई

राज्य सरकार ने महाकाल मंदिर के पास बेगमबाग क्षेत्र में 12 अवैध इमारतों को ध्वस्त किया। यह कार्रवाई अदालत के आदेश के बाद की गई, जिसमें प्रशासन ने अतिक्रमण को हटाने का निर्णय लिया। यूडीए के अधिकारियों ने बताया कि इस क्षेत्र में पहले से ही कई अवैध निर्माण हो चुके थे। प्रशासन का उद्देश्य धार्मिक क्षेत्र की सुरक्षा और पुनर्विकास करना है। जानें इस कार्रवाई के पीछे की पूरी कहानी और प्रशासन की योजनाएं।
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महाकाल मंदिर के पास अवैध इमारतों का ध्वस्तीकरण: प्रशासन की कार्रवाई

महाकाल मंदिर क्षेत्र में अवैध निर्माण पर कार्रवाई

समाचार स्रोत :- राज्य सरकार ने महाकाल मंदिर के निकट मुस्लिम-बहुल बेगमबाग क्षेत्र में 12 अवैध इमारतों को ध्वस्त किया। यह कार्रवाई उस समय की गई जब अदालत ने इन निर्माणों पर लगी रोक को हटा लिया। इस अभियान की निगरानी उज्जैन विकास प्राधिकरण और पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में की गई।



यूडीए के सीईओ संदीप सोनी ने जानकारी दी कि यह क्षेत्र 1985 में उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा शुरू की गई महाकाल हरि पथक आवासीय योजना का हिस्सा है। इस योजना के तहत लोगों को मकान बनाने के लिए प्लॉट आवंटित किए गए थे, लेकिन समय के साथ इन पर अवैध निर्माण हो गए। उन्होंने बताया कि यहां कुल 28 प्लॉट लीज पर दिए गए थे, जबकि लगभग 65 अवैध ढांचे खड़े कर लिए गए थे।


आज 12 इमारतों को गिराया गया है, जबकि अन्य संरचनाओं की जांच और कानूनी प्रक्रिया जारी है। प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई महाकाल मंदिर क्षेत्र को अतिक्रमण-मुक्त करने और धार्मिक महत्व वाले इलाके की सुरक्षा के लिए की जा रही है।


इस कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके। सरकार का कहना है कि भविष्य में इस क्षेत्र का पुनर्विकास किया जाएगा और वैध पट्टाधारकों को उनके अधिकार सुरक्षित तरीके से बहाल किया जाएगा।