महात्मा गांधी की जयंती पर उनकी यात्रा के अनोखे अनुभव

महात्मा गांधी की 156वीं जयंती
आज 2 अक्टूबर को, पूरे देश में महात्मा गांधी की 156वीं जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है। बापू को अक्सर साधारण धोती और कंधे पर शॉल के साथ चलते हुए देखा जाता है। उनके जीवन में साधारणता के साथ-साथ कई अनोखे अनुभव भी शामिल रहे हैं। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, उन्हें आंदोलन और सत्याग्रह के लिए अक्सर यात्रा करनी पड़ती थी। हालांकि, उनके पास अपनी गाड़ी नहीं थी, लेकिन वे अपने मित्रों और सहयोगियों की कारों में यात्रा करते थे।
गांधी जी की यात्रा की कारें
अब उन कारों के बारे में जानना जरूरी है, जिनमें बापू ने यात्रा की। ये कोई साधारण कारें नहीं थीं, बल्कि उस समय की विशेष गाड़ियाँ थीं। आइए जानते हैं उन कारों की विशेषताएँ और उनकी सूची।
फोर्ड मॉडल ए कन्वर्टिबल
गांधी जी ने 1940 में रामगढ़ अधिवेशन के दौरान फोर्ड मॉडल ए कन्वर्टिबल की सवारी की थी। यह कार रांची के राय साहब लक्ष्मी नारायण की थी, जिन्होंने इसे 1927 में विशेष रूप से मंगवाया था। गांधी जी इस कार में अपने साथियों के साथ यात्रा करते थे और स्वतंत्रता आंदोलन की रणनीतियों पर चर्चा करते थे।
पैकार्ड 120
पैकार्ड 120 कार 1940 में खरीदी गई थी और गांधी जी ने इस कार में सबसे अधिक यात्रा की। इसके मालिक घनश्यामदास बिड़ला थे, जो गांधी जी के करीबी मित्र और समर्थक थे। यह कार गांधी जी के कई अधिवेशनों और रैलियों का हिस्सा रही, जिससे यह उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई।
फोर्ड मॉडल टी
गांधी जी ने 1927 में रायबरेली सेंट्रल जेल से रिहाई के दौरान फोर्ड मॉडल टी में यात्रा की। इस कार ने कई रैलियों और सार्वजनिक आयोजनों में उनकी यात्रा को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाया। आज इसे विंटेज कारों में देखा जा सकता है, जो उनके समय की याद दिलाती है।
स्टडबेकर प्रेसिडेंट
गांधी जी ने कर्नाटक दौरे के दौरान स्टडबेकर प्रेसिडेंट कार का उपयोग किया। यह कार 1926-33 के बीच बनी थी और 90 के दशक तक प्रसिद्ध रही। यह कार उनकी यात्रा की महत्वपूर्ण घटनाओं की गवाह बनकर इतिहास में दर्ज हो गई।