महात्मा गांधी की प्रतिमा पर तोड़फोड़: भारत ने किया कड़ा विरोध

महात्मा गांधी की प्रतिमा पर हमला
महात्मा गांधी की प्रतिमा पर तोड़फोड़: महात्मा गांधी की 156वीं जयंती 2 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इससे पहले, लंदन यूनिवर्सिटी के पास टैविस्टॉक स्क्वायर में उनकी प्रतिष्ठित प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ की एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। भारत ने इसे अहिंसा के सिद्धांत पर हमला बताया है।
टैविस्टॉक स्क्वायर में ध्यानमग्न मुद्रा में स्थापित महात्मा गांधी की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने की सूचना भारतीय मिशन ने स्थानीय अधिकारियों को दी है। इस घटना के बाद, अधिकारी स्मारक को उसकी मूल स्थिति में लौटाने के लिए मौके पर मौजूद थे। प्रतिमा के चबूतरे पर भारत विरोधी भित्तिचित्र भी पाए गए हैं।
लंदन में भारतीय उच्चायोग ने एक बयान में कहा, "हमें इस शर्मनाक तोड़फोड़ पर गहरा दुख है। यह केवल तोड़फोड़ नहीं है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस से तीन दिन पहले अहिंसा के विचार और महात्मा गांधी की विरासत पर एक हिंसक हमला है। हमने स्थानीय अधिकारियों के साथ इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया है और हमारी टीम पहले से ही घटनास्थल पर मौजूद है, मूर्ति को उसकी गरिमा लौटाने के लिए समन्वय कर रही है।"
@HCI_London is deeply saddened and strongly condemns the shameful act of vandalism of the statue of Mahatma Gandhi at Tavistock Square in London. This is not just vandalism, but a violent attack on the idea of nonviolence, three days before the international day of nonviolence,…
— India in the UK (@HCI_London) September 29, 2025
इस घटना की जांच मेट्रोपॉलिटन पुलिस और स्थानीय कैमडेन काउंसिल के अधिकारियों द्वारा की जा रही है। महात्मा गांधी की यह कांस्य प्रतिमा, जो इंडिया लीग के सहयोग से बनाई गई थी, 1968 में अनावरण की गई थी। यह प्रतिमा उन दिनों को याद करती है जब गांधी पास के यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में कानून के छात्र थे।