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महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन में महत्वपूर्ण प्रगति

मुंबई में चल रहे मराठा आरक्षण आंदोलन में हाल ही में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। महाराष्ट्र सरकार ने आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल से मुलाकात की और उनकी कई मांगों को स्वीकार किया है, जिसमें हैदराबाद गजट का कार्यान्वयन शामिल है। हालांकि, कुछ मांगें जैसे कि सातारा गजट के कार्यान्वयन के लिए समय सीमा निर्धारित करने को अस्वीकार कर दिया गया है। जानें इस आंदोलन के बारे में और क्या जानकारी सामने आई है।
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महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन में महत्वपूर्ण प्रगति

मराठा आरक्षण आंदोलन में नई जानकारी

मुंबई में चल रहे मराठा आरक्षण आंदोलन में एक महत्वपूर्ण विकास हुआ है। राज्य सरकार के मंत्रियों ने मराठा आरक्षण के नेता मनोज जरांगे पाटिल से बातचीत की है। मनोज ने यह दावा किया है कि महाराष्ट्र सरकार ने हैदराबाद गजट को लागू करने की उनकी प्रमुख मांग को स्वीकार कर लिया है। यह मांग मराठों को कुनबी किसान समुदाय से जोड़ने से संबंधित है।
ज्ञात हो कि मनोज जरांगे अपने हजारों समर्थकों के साथ पिछले कुछ दिनों से आजाद मैदान में प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को, कैबिनेट की एक उप-समिति ने आजाद मैदान में विरोध स्थल पर मनोज जरांगे पाटिल से मुलाकात की और सरकार की योजनाओं पर चर्चा की।


महाराष्ट्र सरकार ने स्वीकार की ये मांगें

सरकार ने प्रदर्शन कर रहे मनोज जरांगे की कई मांगों को मान लिया है। इनमें हैदराबाद गजट के कार्यान्वयन के लिए शासन निर्णय, आंदोलन में मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता, मृतकों के परिवारों को सरकारी नौकरी, मराठा आंदोलनकारियों पर लगे मामलों को वापस लेना, और लंबित जाति जांच को मान्यता देना शामिल है।


सरकार ने इन मांगों को किया अस्वीकार

हालांकि, सरकार ने मनोज जरांगे की सातारा गजट के कार्यान्वयन के लिए एक महीने की समय सीमा निर्धारित करने की मांग को अस्वीकार कर दिया है। सरकार का कहना है कि मराठा और कुनबी एक ही समुदाय हैं, इस संबंध में शासन निर्णय के लिए दो महीने की समय सीमा निर्धारित की गई है।