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महाराष्ट्र में मराठी और गैर-मराठी विवाद: इडली विक्रेता पर हमला और ट्रेन में बहस

महाराष्ट्र में मराठी और गैर-मराठी भाषाओं के बीच तनाव की नई घटनाएँ सामने आई हैं। एक इडली विक्रेता पर हमले और लोकल ट्रेन में महिलाओं के बीच बहस ने इस मुद्दे को फिर से तूल दिया है। जानें इन घटनाओं के पीछे की कहानी और पुलिस की प्रतिक्रिया।
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महाराष्ट्र में मराठी और गैर-मराठी विवाद: इडली विक्रेता पर हमला और ट्रेन में बहस

मराठी और गैर-मराठी विवाद की नई घटनाएँ

मराठी बनाम गैर-मराठी विवाद: महाराष्ट्र में मराठी और गैर-मराठी भाषाओं के बीच तनाव एक बार फिर उभरकर सामने आया है। दो अलग-अलग घटनाओं ने इस मुद्दे को तूल दिया है। एक घटना में इडली विक्रेता पर हमला हुआ, जबकि दूसरी में लोकल ट्रेन में दो महिलाओं के बीच तीखी बहस हुई।


पहली घटना कल्याण के रॉयल स्टार इडलीवाला के बाहर हुई, जहां स्थानीय इडली विक्रेता, जिसे 'अण्णा' के नाम से जाना जाता है, पर मराठी भाषियों के खिलाफ अपमानजनक भाषा का आरोप लगाया गया।


उनके बयान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैल गया। पार्टी के एक नेता अंकुश राजपूत के नेतृत्व में कुछ लोगों ने अण्णा को पकड़कर उनसे माफी मंगवाई और कथित तौर पर उन पर हमला किया।


पुलिस की कार्रवाई और स्थिति

पुलिस को अभी तक नहीं मिली शिकायत


स्थिति को बिगड़ते देख कोलसेवाड़ी पुलिस मौके पर पहुंची और हालात को संभाला। हालांकि, पुलिस को अब तक कोई आधिकारिक शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। वरिष्ठ निरीक्षक हेमंत गुरव ने बताया कि यदि शिकायत मिलती है, तो उचित कार्रवाई की जाएगी।


ट्रेन में महिलाओं के बीच विवाद

लोकल ट्रेन में भी भिड़ंत


दूसरी घटना मुंबई की CSMT-करजत लोकल ट्रेन में हुई। एक मराठी बोलने वाली महिला, जो अपने बच्चे के साथ यात्रा कर रही थी, ने एक गैर-मराठी महिला यात्री से मराठी में बात करने की मांग की।


वीडियो में दोनों महिलाओं के बीच तीखी बहस देखी जा सकती है। यह विवाद नेरल स्टेशन पार करने के बाद शुरू हुआ। करजत जीआरपी के वरिष्ठ निरीक्षक तानाजी खाड़े ने बताया कि यह घटना नेरल और वांगणी स्टेशन के बीच हुई। उन्होंने कहा, 'अब तक कोई शिकायत नहीं मिली है, लेकिन यदि मिलेगी तो गैर-संज्ञेय अपराध दर्ज किया जाएगा।'


भाषाई तनाव का बढ़ता मुद्दा

बढ़ती भाषा की तल्खियां


इन दोनों घटनाओं ने महाराष्ट्र में भाषा को लेकर चल रही बहस को एक बार फिर गंभीर मुद्दा बना दिया है। भाषा को लेकर ऐसी घटनाएं न केवल सामाजिक माहौल को बिगाड़ती हैं, बल्कि आम लोगों को भी प्रभावित करती हैं।