महाराष्ट्र में माओवादी आंदोलन को लगा बड़ा झटका, 61 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

महाराष्ट्र में माओवादी आंदोलन को बड़ा झटका
महाराष्ट्र में माओवादी आंदोलन को एक बड़ा झटका लगा है, जब भाकपा (माओवादी) के केंद्रीय समिति के सदस्य मल्लोजुला वेणुगोपाल राव, जिन्हें भूपति के नाम से जाना जाता है, सहित 61 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। यह घटना 13 और 14 अक्टूबर की रात को भामरागढ़ के फोडेवाड़ा गांव में हुई।
भूपति: उग्रवादी आंदोलन का प्रमुख चेहरा
आत्मसमर्पण करने वाले अन्य नक्सलियों में राज्य क्षेत्रीय समिति के दो सदस्य, 10 संभागीय समिति के सदस्य और महाराष्ट्र तथा छत्तीसगढ़ के कार्यकर्ता शामिल हैं। भूपति को उग्रवादी आंदोलन के प्रमुख मस्तिष्कों में से एक माना जाता है। माओवादियों ने इस दौरान 54 हथियार भी सौंपे, जिनमें सात एके-47, छह एसएलआर और छह इंसास राइफलें शामिल हैं।
भूपति का परिवार भी उग्रवाद से बाहर आया
भूपति ने अपनी पत्नी तारक्का उर्फ विमला सिदाम के आत्मसमर्पण के कुछ महीने बाद यह कदम उठाया है। तारक्का भी एक माओवादी नेता हैं। भूपति की साली ने तेलंगाना पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भूपति के आत्मसमर्पण के साथ नक्सल आंदोलन का मूल परिवार समाप्त हो गया है, जो उग्रवाद के अंत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भूपति की असंतोषजनक स्थिति
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भूपति का आत्मसमर्पण कराने के लिए महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की पुलिस के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा थी। भूपति आंदोलन में दूसरे नंबर का नेता था और महासचिव बनने वाला था। उसने अपनी पत्नी के आत्मसमर्पण के बाद से ही मुख्यधारा में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की थी। वह पार्टी की दिशा में बदलाव से नाखुश था।