महाराष्ट्र में शरद और अजित पवार का नया गठबंधन: पिंपरी-चिंचवड़ चुनाव में एकता का प्रयास
राजनीति में नया मोड़
मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति में एक महत्वपूर्ण और अप्रत्याशित परिवर्तन हुआ है। लंबे समय से अलग-अलग दिशा में चल रहे चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार ने पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम चुनाव में एकजुट होने का निर्णय लिया है।
यह गठबंधन राज्य के विकास और परिवार की एकता के उद्देश्य से किया गया है, जिसने राज्य की राजनीति में नई हलचल पैदा की है। हालांकि, इससे पहले भी ऐसे गठबंधन की कोशिशें सफल नहीं हो पाई थीं।
गठबंधन की घोषणा और उसके कारण
28 दिसंबर को, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पिंपरी-चिंचवड़ में एक चुनावी रैली में इस गठबंधन की घोषणा की। उन्होंने बताया कि दोनों गुटों ने मिलकर उम्मीदवारों की सूची तैयार करने का निर्णय लिया है।
अजित पवार ने कहा कि यह कदम महाराष्ट्र के विकास के लिए आवश्यक है और इससे परिवार फिर से एकजुट हो गया है। लोगों के मन में कई सवाल थे, लेकिन अब स्थिति स्पष्ट हो गई है। कभी-कभी बड़े निर्णय लेने की आवश्यकता होती है ताकि राज्य आगे बढ़ सके।
पिंपरी-चिंचवड़ के लिए गठबंधन
यह गठबंधन मुख्य रूप से पिंपरी-चिंचवड़ क्षेत्र में वोटों के बंटवारे को रोकने के लिए किया गया है। यहां एनसीपी का पुराना प्रभाव है और अलग-अलग लड़ने से अन्य दलों को लाभ मिल सकता था।
सीट बंटवारा और चुनाव चिन्ह
दोनों गुटों के बीच सीटों के बंटवारे पर बातचीत चल रही है, और इसकी घोषणा जल्द ही की जा सकती है। चुनाव चिन्ह को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। अजित पवार गुट के पास 'घड़ी' चिन्ह है, जबकि शरद पवार गुट 'तूतारी' पर चुनाव लड़ता है। संभव है कि उम्मीदवार दोनों चिन्हों पर चुनावी मैदान में उतरें।
पुणे में गठबंधन की विफलता
पुणे नगर निगम चुनाव के लिए दोनों गुटों की कोशिशें सफल नहीं हो पाईं। इसका मुख्य कारण चुनाव चिन्ह का विवाद था। अजित पवार चाहते थे कि शरद गुट के उम्मीदवार उनके 'घड़ी' चिन्ह पर लड़ें, लेकिन शरद गुट ने इससे इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इससे गलत संदेश जाएगा। नतीजतन, पुणे में दोनों अलग-अलग लड़ेंगे।
राज्य स्तर पर प्रभाव
यह गठबंधन केवल पिंपरी-चिंचवड़ तक सीमित प्रतीत होता है। शरद पवार गुट की नेता सुप्रिया सुले महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के साथ रहना चाहती हैं, जिसमें कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव गुट) शामिल हैं। राज्य की 29 नगर निगमों के चुनाव 15 जनवरी 2026 को होने हैं, जिनमें मुंबई, पुणे और पिंपरी-चिंचवड़ जैसे बड़े शहर शामिल हैं।
