Newzfatafatlogo

महाराष्ट्र में सनातन धर्म पर विवाद: विधायक जितेंद्र आह्वाड का बयान

महाराष्ट्र में एनसीपी के विधायक जितेंद्र आह्वाड ने सनातन धर्म को लेकर विवादास्पद बयान दिया है, जिसमें उन्होंने इसे भारत के लिए हानिकारक बताया। उनके आरोपों में यह भी शामिल है कि सनातन धर्म ने कई ऐतिहासिक व्यक्तियों के खिलाफ साजिशें की हैं। इस बयान ने राजनीतिक हलचल को जन्म दिया है, खासकर ओबीसी और दलित समुदायों में। भाजपा और हिंदू संगठनों ने इस बयान की तीखी निंदा की है। आह्वाड का यह बयान महाराष्ट्र की आगामी राजनीतिक समीकरणों पर प्रभाव डाल सकता है।
 | 
महाराष्ट्र में सनातन धर्म पर विवाद: विधायक जितेंद्र आह्वाड का बयान

सनातन धर्म पर उठे सवाल

सनातन धर्म विवाद: महाराष्ट्र में एक बार फिर सनातन धर्म को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। एनसीपी के वरिष्ठ नेता और विधायक जितेंद्र आह्वाड ने एक बार फिर विवादास्पद टिप्पणी करते हुए कहा कि सनातन धर्म ने भारत को बर्बाद किया है। उन्होंने इसे समाप्त करने की आवश्यकता बताई।


आह्वाड का बयान

शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में आह्वाड ने कहा कि सनातन धर्म का अस्तित्व कभी नहीं था। वे हिंदू धर्म को मानते हैं, लेकिन सनातन धर्म को एक विकृत विचारधारा मानते हैं जो पिछड़ी और रूढ़िवादी सोच को बढ़ावा देती है। उन्होंने यह भी कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक न होने का कारण भी सनातन धर्म की संकीर्ण सोच थी। उनके अनुसार, सनातनियों ने छत्रपति संभाजी महाराज को बदनाम किया और सावित्रीबाई फुले पर अपमानजनक व्यवहार किया।


आरोपों की श्रृंखला

आह्वाड ने आरोप लगाया कि सनातन धर्म के अनुयायियों ने ज्योतिबा फुले की हत्या की कोशिश की और शाहू महाराज को खत्म करने की साजिश की। उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हें पानी पीने और स्कूल जाने की अनुमति नहीं दी गई। इसी अन्याय के खिलाफ अंबेडकर ने मनुस्मृति को जलाया था।


हिंदू संगठनों की प्रतिक्रिया

आह्वाड का यह बयान उस समय आया है जब देशभर में सनातन धर्म पर बहस चल रही है। यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने इस विषय पर हमला बोला है। इससे पहले भी उन्होंने सनातन धर्म को जातिवादी और अमानवीय परंपराओं का प्रतीक बताया था। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आह्वाड का यह बयान महाराष्ट्र की आगामी राजनीतिक समीकरणों पर प्रभाव डाल सकता है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां ओबीसी, दलित और सामाजिक सुधार आंदोलन से जुड़े लोग प्रभावी हैं। भाजपा और हिंदू संगठनों ने इस बयान की कड़ी निंदा करते हुए इसे हिंदू धर्म का अपमान बताया है।


आह्वाड का राजनीतिक सफर

आह्वाड ने एनएसयूआई से लेकर महाराष्ट्र विधानसभा तक का सफर तय किया है। वे 2009 से लगातार विधायक चुने जा रहे हैं और कांग्रेस-एनसीपी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। वे वंजारा ओबीसी समुदाय से आते हैं और सामाजिक मुद्दों पर मुखर रहते हैं।