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महाराष्ट्र में हनी ट्रैप मामला: बीजेपी नेता प्रफुल्ल लोढ़ा की गिरफ्तारी से मचा हड़कंप

महाराष्ट्र की राजनीति में हनी ट्रैप का मामला तूल पकड़ रहा है, जब बीजेपी नेता प्रफुल्ल लोढ़ा को गिरफ्तार किया गया। उन पर आरोप है कि उन्होंने एक महिला के माध्यम से नेताओं को फंसाने की कोशिश की और एक नाबालिग को नौकरी का झांसा दिया। पुलिस ने उनकी संपत्तियों पर छापेमारी की और कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए। एनसीपी के नेता एकनाथ खडसे ने इस मामले में गंभीर सवाल उठाए हैं, जबकि शिवसेना के संजय राऊत ने इसे केवल शुरुआत बताया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
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महाराष्ट्र में हनी ट्रैप मामला: बीजेपी नेता प्रफुल्ल लोढ़ा की गिरफ्तारी से मचा हड़कंप

महाराष्ट्र में हनी ट्रैप का मामला

Maharashtra Honey trap: महाराष्ट्र की राजनीति में हनी ट्रैप को लेकर इस समय हलचल मची हुई है। बीजेपी के नेता प्रफुल्ल लोढ़ा खुद इस जाल में फंस गए हैं, जिन्हें पुलिस ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया। उन पर आरोप है कि उन्होंने एक महिला के माध्यम से सत्ता में बैठे कुछ नेताओं को फंसाने की कोशिश की। इसके अलावा, उन पर यह भी आरोप है कि उन्होंने एक नाबालिग लड़की और उसकी दोस्त को नौकरी का झांसा देकर शिकार बनाया।


पुलिस की कार्रवाई

गिरफ्तारी के बाद, एमआईडीसी पुलिस ने जलगांव, जामनेर और पहूर में प्रफुल्ल लोढ़ा की संपत्तियों पर छापेमारी की। पुलिस ने उनके घर से लैपटॉप, पेन ड्राइव और कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए हैं। एनसीपी (शरद पवार) के नेता एकनाथ खडसे ने इस मामले में सवाल उठाया कि लोढ़ा को इतना बड़ा बनाने और बीजेपी में शामिल करवाने के पीछे कौन है, इसकी जांच होनी चाहिए।


आर्थिक लाभ का आरोप

एकनाथ खडसे ने आरोप लगाया कि कुछ साल पहले प्रफुल्ल लोढ़ा आर्थिक रूप से कमजोर थे, लेकिन उन्होंने एक बड़े नेता को ब्लैकमेल करके पैसे कमाए। खडसे के इशारे पर एक कैबिनेट मंत्री ने भी इस पर टिप्पणी की। हालांकि, प्रफुल्ल लोढ़ा ने खडसे को पहले उल्टा सीधा कहा है। इस पर कैबिनेट मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि खडसे का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है और वे बेबुनियाद बातें कर रहे हैं।


शिवसेना की प्रतिक्रिया

शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राऊत ने प्रफुल्ल लोढ़ा की गिरफ्तारी को केवल ‘शुरुआत’ बताया है। उन्होंने कहा कि लोढ़ा तो केवल छोटी मछली हैं, असली मगरमच्छ अभी भी आजाद हैं। राऊत ने सवाल उठाया कि पुलिस लैपटॉप और पेन ड्राइव क्यों ढूंढ रही है, और क्या इसमें ऐसा है जिससे सरकार डर रही है। इसकी गहन जांच होनी चाहिए।