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महाराष्ट्र में हलाल लाइफस्टाइल टाउनशिप पर विवाद: धार्मिक पोस्टर हटाए गए

महाराष्ट्र में हलाल लाइफस्टाइल टाउनशिप के विज्ञापनों पर विवाद छिड़ गया है, जिसके चलते सभी धार्मिक पोस्टर हटा दिए गए हैं। इस प्रोजेक्ट को मुस्लिम समुदाय के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया था, लेकिन इसके विज्ञापन ने तीखी बहस को जन्म दिया। जानें इस मुद्दे पर प्रमुख प्रतिक्रियाएँ और आगे की स्थिति क्या है।
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महाराष्ट्र में हलाल लाइफस्टाइल टाउनशिप पर विवाद: धार्मिक पोस्टर हटाए गए

हलाल लाइफस्टाइल टाउनशिप का विवाद

हलाल लाइफस्टाइल टाउनशिप: महाराष्ट्र में एक रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के धार्मिक विज्ञापनों पर कार्रवाई की गई है। हाल ही में इस मुद्दे पर चर्चा के बाद, सभी धार्मिक पोस्टरों को हटा दिया गया है। इस प्रोजेक्ट को 'हलाल लाइफस्टाइल टाउनशिप' के रूप में प्रचारित किया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि यह मुस्लिम समुदाय को उनकी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जीवन जीने का अवसर प्रदान करेगा। विज्ञापन में एक महिला को हिजाब पहने और एक पुरुष को नमाज की मुद्रा में दर्शाया गया था, जिसने इस मुद्दे को और संवेदनशील बना दिया। यह प्रोजेक्ट मुंबई से लगभग 100 किलोमीटर दूर करजत में विकसित किया जा रहा है।


यह मामला तब सुर्खियों में आया जब राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने इस विज्ञापन का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किया। उन्होंने लिखा, "यह देश के अंदर एक नया मुल्क बनाने जैसा है।" उनके इस पोस्ट ने लोगों का ध्यान खींचा और विवाद ने तूल पकड़ लिया। इसके बाद, सभी धार्मिक पोस्टर ग्राउंड जीरो से हटा दिए गए। बिल्डर ने भी इस विज्ञापन को सोशल मीडिया से हटा लिया, लेकिन बहस अभी भी जारी है।


विज्ञापन का दावा: 'कम्युनिटी लिविंग' का अनुभव


विज्ञापन में कहा गया था, "यहां आप पूरी तरह कम्युनिटी लिविंग का अनुभव करेंगे। आप अपने जैसे विचारों वाले परिवारों के साथ रहेंगे।" इसमें यह भी उल्लेख था कि टाउनशिप में मस्जिद कुछ ही कदमों की दूरी पर होगी और सामुदायिक आयोजनों के लिए विशेष स्थान उपलब्ध होंगे। इस तरह के दावों ने कई लोगों में यह धारणा पैदा की कि यह प्रोजेक्ट धार्मिक आधार पर समाज को बांटने का प्रयास है। प्रियांक कानूनगो ने इस मामले में महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी करने की बात कही है।


धार्मिक नेताओं की प्रतिक्रिया


ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी बरेलवी ने इस विज्ञापन की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, "इस तरह 'हलाल' शब्द का उपयोग नफरत फैलाने वाला है। ऐसे कार्यों में शामिल बिल्डर और अन्य लोग समाज में एकता को नष्ट करना चाहते हैं।" इस मामले पर महाराष्ट्र सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।