महाराष्ट्र विधायक का विवादास्पद बयान, कांग्रेस ने उठाए सवाल

विधायक विलास भूमरे का बयान
विधायक विलास भूमरे: महाराष्ट्र में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में 'वोट चोरी' के आरोपों को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बार-बार उठाया है। बीजेपी ने हमेशा इन आरोपों का खंडन किया है, लेकिन अब पार्टी के एक विधायक ने ऐसा बयान दिया है जिससे राहुल गांधी के आरोपों को और मजबूती मिली है। हालांकि, विधायक ने बाद में अपने बयान पर सफाई भी दी, लेकिन तब तक राजनीतिक माहौल गर्म हो चुका था।
दरअसल, छत्रपति संभाजी नगर में संत एकनाथ मंदिर में बीजेपी द्वारा आयोजित एक रैली में विधायक विलास भूमरे ने कहा कि उन्होंने विधानसभा चुनावों के दौरान लगभग 20,000 बाहरी मतदाताओं को लाया था। इन मतदाताओं ने उन्हें 100 प्रतिशत लाभ पहुंचाया। जब विधायक यह कह रहे थे, तब डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे भी वहां मौजूद थे। शिंदे ने उनसे पूछा कि ये मतदाता कहां से आए हैं। भूमरे ने स्पष्ट किया कि ये मतदाता उनके निर्वाचन क्षेत्र के बाहर काम कर रहे थे और उन्हें मतदान के दिन लाया गया था।
बयान पर सफाई और राजनीतिक प्रतिक्रिया
बाद में सफाई का प्रयास
अपने बयान पर सफाई देते हुए भूमरे ने कहा कि उनका आशय यह था कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्र के बाहर से 20,000 मतदाताओं को लाए थे, जो विभिन्न स्थानों पर काम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने इन मतदाताओं को फोन किया और मतदान करने के लिए प्रेरित किया। उपमुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप किया, लेकिन उन्होंने मुझसे स्पष्ट करने को कहा कि ये मतदाता कौन थे।
कांग्रेस और शिवसेना यूबीटी की तीखी प्रतिक्रिया
इस घटनाक्रम पर शिवसेना यूबीटी की प्रवक्ता सुषमा अंधारे ने कहा कि विलास भूमरे ने वोट चोरी की बात स्वीकार की और जब उनके नेता ने उन्हें टोका, तो उन्होंने अपनी गलती सुधारने की कोशिश की। मंच पर उपस्थित लोग बेशर्मी से हंस रहे थे। महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता अतुल लोंधे ने कहा कि भूमरे ने वोट चोरी की बात कबूल कर ली है और एकनाथ शिंदे ने उन्हें यह कहकर सही करने की कोशिश की कि उन्हें कहना चाहिए कि मतदाता उनके निर्वाचन क्षेत्र के थे। चुनाव आयोग को इस स्वीकारोक्ति के लिए पुलिस में मामला दर्ज करना चाहिए।