महिला एसएचओ अर्शप्रीत कौर ग्रेवाल को अदालत ने भगोड़ा घोषित किया
मोगा की महिला एसएचओ अर्शप्रीत कौर ग्रेवाल को अदालत ने 5 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में भगोड़ा घोषित कर दिया है। उन्हें 9 महीने पहले निलंबित किया गया था। इस मामले में सब-इंस्पेक्टर बलविंदर सिंह ने शिकायत दर्ज कराई थी। अर्शप्रीत ने नशा तस्करों को पकड़ने के बाद उन्हें छोड़ने के लिए यह राशि ली थी। कोरोना संकट के दौरान वह अग्रिम पंक्ति की योद्धा के रूप में जानी गईं, जब मुख्यमंत्री ने उन्हें वीडियो कॉल पर प्रोत्साहित किया था। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
Jul 31, 2025, 18:14 IST
| महिला एसएचओ का रिश्वत मामला
मोगा के कोट ईसे खां थाने में तैनात महिला एसएचओ अर्शप्रीत कौर ग्रेवाल को अदालत ने 5 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में भगोड़ा घोषित कर दिया है। उन्हें 9 महीने पहले निलंबित किया गया था, और अब अदालत ने उनके खिलाफ यह निर्णय लिया है। अर्शप्रीत पर आरोप था कि उन्होंने ड्रग तस्करों को छोड़ने के लिए यह राशि ली थी।23 अक्टूबर 2024 को सब-इंस्पेक्टर बलविंदर सिंह ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था, जिसमें कहा गया था कि अर्शप्रीत ने ड्रग तस्करों को छोड़ने के बदले 5 लाख रुपये लिए थे। उनकी अग्रिम जमानत भी रद्द कर दी गई है और अब उनके खिलाफ धारा 209 के तहत नया मामला दर्ज किया गया है, क्योंकि वह 9 महीने से अदालत में पेश नहीं हुईं।
पुलिस के अनुसार, 1 अक्टूबर 2024 को अर्शप्रीत ने नाके पर अमरजीत सिंह को 2 किलो अफीम के साथ पकड़ा था। इस कार्रवाई में उनके साथ अन्य पुलिसकर्मी भी शामिल थे। पूछताछ में पता चला कि आरोपी के परिवार के अन्य सदस्य भी नशा तस्करी में शामिल थे।
महिला एसएचओ अर्शप्रीत कौर ग्रेवाल कोरोना संकट के दौरान अग्रिम पंक्ति की योद्धा के रूप में जानी गईं। उन्हें कोविड हुआ था, लेकिन उन्होंने इससे उबरकर वापसी की। तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वीडियो कॉल पर उनका हौसला बढ़ाया था, जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना।