महिला ने मृत नवजात को अंतिम दर्शन के समय पाया जीवित, अस्पताल पर लगे गंभीर आरोप

चमत्कारिक घटना का सामना
बीड़ के स्वामी रामानंद तीर्थ शासकीय अस्पताल में 7 जुलाई की रात एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया। जन्म के तुरंत बाद, चिकित्सकों ने नवजात को मृत घोषित कर दिया। परिवार बच्चे के शव को लेकर गांव लौट रहा था, तभी अंतिम दर्शन के समय दादी ने कपड़ा हटाया और सभी हैरान रह गए, क्योंकि बच्चा जीवित था और उसके शरीर में हलचल हो रही थी।
दादी की जिद ने बदली कहानी
नवजात की दादी ने जब बच्चे का चेहरा देखने की जिद की, तब यह अद्भुत पल सामने आया। बच्चे के दादा, सखाराम घुगे ने बताया कि वे बच्चे को दफनाने के लिए मोटरसाइकिल पर ले जा रहे थे। लेकिन दादी की जिद ने सब कुछ बदल दिया। जैसे ही कपड़ा हटाया गया, उन्होंने देखा कि बच्चा हिल रहा है। यह देखकर परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। तुरंत बाद, परिवार बच्चे को अंबाजोगाई के सरकारी अस्पताल ले गया, जहां उसका इलाज शुरू हुआ।
अस्पताल पर लापरवाही के आरोप
बच्चे की मां, बालिका घुगे ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, "आधी रात को बच्चे को एक डिब्बे में रख दिया गया और कहा गया कि वह मर चुका है। हमने नर्स को बताया कि बच्चा हिल रहा है, लेकिन उसने इसे नजरअंदाज कर दिया।" उन्होंने यह भी कहा कि यदि परिवार ध्यान नहीं देता, तो बच्चे की जिंदगी खत्म हो सकती थी।
जांच समिति का गठन
इस मामले पर अस्पताल प्रशासन ने संज्ञान लिया है। कार्यवाहक प्रशासक, राजेश काचरे ने बताया कि एक जांच समिति बनाई गई है, जो अगले कुछ दिनों में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
परिवार की सतर्कता का महत्व
यह घटना चिकित्सा क्षेत्र में लापरवाही का गंभीर उदाहरण है और यह दर्शाती है कि परिजनों की सतर्कता कितनी महत्वपूर्ण है। अब देखना यह है कि जांच के बाद दोषियों को क्या सजा मिलती है और कब तक इस तरह की लापरवाहियों पर रोक लगेगी।