महिला ने साइबर ठगी से बचने के लिए दिखाई समझदारी
साइबर ठगी से बचने का एक उदाहरण
- महिला ने 1930 पर शिकायत कर लाखों रुपये बचाए
- पुलिस की असली पहचान: फिजिकल जांच जरूरी है : एसपी कुलदीप सिंह
जींद समाचार। एक महिला ने साइबर ठगों की साजिश से बचने के लिए समझदारी दिखाई। हाल ही में, उसे एक व्हाट्सएप वीडियो कॉल आया जिसमें एक व्यक्ति ने पुलिस की वर्दी पहनी हुई थी और गंभीर आवाज में कहा कि उसके नाम पर अवैध गतिविधियों में इस्तेमाल किया गया सिम कार्ड मिला है। उसने बताया कि उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया है और उसे डिजिटल गिरफ्त में रखा जाएगा।
महिला ने डर और भ्रम के बावजूद यह समझा कि असली पुलिस कभी भी व्हाट्सएप कॉल पर जांच नहीं करती। उसने तुरंत ठग का फोन काट दिया। इसके बाद, उसने ठग के मोबाइल नंबर को ब्लॉक कर दिया और 1930 पर कॉल करके रिपोर्ट दर्ज करवाई, जिससे उसने अपने बैंक खाते में जमा लाखों रुपये बचा लिए। साइबर ठगों ने पुलिस अधिकारी की पहचान बनाकर लोगों को डराने का नया तरीका अपनाया है। महिला ने पुलिस के जागरूकता अभियान की सराहना की और कहा कि इसी कारण वह ठगी का शिकार होने से बच पाई।
साइबर अपराध की शिकायतों में कमी
पुलिस अधीक्षक कुलदीप सिंह ने लोगों से अपील की कि साइबर अपराध से डरने की बजाय उसकी रिपोर्ट करना सबसे बड़ा हथियार है। जागरूकता शिविरों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का असर दिखने लगा है। वर्ष 2025 में अब तक 95 लोग साइबर ठगों का शिकार होने से बच गए हैं और लगभग 1.19 करोड़ रुपये की राशि बचाई गई है।
जींद जिले में वर्ष 2024 की तुलना में 2025 में साइबर अपराध के मामले कम हुए हैं। 2024 में कुल 3617 शिकायतें आई थीं, जबकि 2025 में 2744 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इसी तरह, 2024 में 127 मुकदमे दर्ज हुए थे, जबकि 2025 में 105 मुकदमे दर्ज हुए हैं। 2024 में गिरफ्तार किए गए 50 साइबर अभियुक्तों से 9,54,500 रुपये की राशि रिकवर की गई थी, जबकि इस वर्ष अब तक 81 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर 30,86,840 रुपये बरामद किए जा चुके हैं।
जींद पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि धोखाधड़ी की स्थिति में तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करवाएं।
