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महिला पर्वतारोही गीता सामोता ने माउंट एवरेस्ट सहित पांच महाद्वीपों की चोटियों को फतह किया

सीआईएसएफ की सब-इंस्पेक्टर गीता सामोता ने माउंट एवरेस्ट सहित पांच महाद्वीपों की ऊँची चोटियों को फतह कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उनकी इस उपलब्धि के लिए उन्हें कई पुरस्कार मिले हैं, जिसमें राष्ट्रपति का प्रशंसा पत्र भी शामिल है। गीता की प्रेरणादायक यात्रा और उनके साहस को मान्यता देने के लिए एक भव्य सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। जानें गीता की कहानी और उनके अद्वितीय साहस के बारे में।
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महिला पर्वतारोही गीता सामोता ने माउंट एवरेस्ट सहित पांच महाद्वीपों की चोटियों को फतह किया

गीता सामोता की अद्वितीय उपलब्धियाँ

सीआईएसएफ की सब-इंस्पेक्टर गीता सामोता ने अपने अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प के साथ एक ऐसा कार्य किया है, जो हर भारतीय महिला के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है। उन्होंने माउंट एवरेस्ट समेत पांच महाद्वीपों की सबसे ऊँची चोटियों को सफलतापूर्वक फतह किया है। इनमें ऑस्ट्रेलिया की माउंट कोसियसजको, रूस की माउंट एल्ब्रस, तंजानिया की माउंट किलिमंजारो और अर्जेंटीना की माउंट एकांकागुआ शामिल हैं। गीता ने इन सभी चोटियों पर केवल 6 महीने और 27 दिन में विजय प्राप्त कर, सेवन समिट अभियान में सबसे तेज़ी से आगे बढ़ने वाली महिला पर्वतारोही का खिताब अपने नाम किया है।


गीता सामोता की इस असाधारण उपलब्धि के लिए उन्हें भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया गया है। इसके अतिरिक्त, उन्हें दिल्ली महिला आयोग द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पुरस्कार 2023 और नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा "गिविंग विंग्स टू अवार्ड 2023" से भी नवाजा गया है। इन पुरस्कारों के माध्यम से गीता के जज़्बे और मेहनत की सराहना की गई है।


सम्मान समारोह का आयोजन

संस्थान ने किया भव्य सम्मान समारोह का आयोजन


संस्कृत संस्कृति संवर्धन संस्थान, जयपुर के दिल्ली स्थित कार्यालय में गीता सामोता के सम्मान में एक विशेष समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संस्थान के संयोजक पंडित मदनमोहन शास्त्री ने कहा कि गीता की उपलब्धियाँ न केवल संस्था के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात हैं। समारोह में संस्थान के कई सदस्य और गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे, जिनमें गिरीश चंद्र थपलियाल, धनवीर सिंह मलिक, सूर्य कुमार झा, अजय कुमार मिश्र, योगेश चंद सुगंध, चंद्रकांत शर्मा और आशीष शर्मा प्रमुख रूप से शामिल थे। सभी ने गीता सामोता को पुष्पगुच्छ, शॉल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।