महिलाओं की सुरक्षा और नीतियों में बदलाव: ममता बनर्जी और रेखा गुप्ता की दृष्टि
महिलाओं की सुरक्षा पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सलाह
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में एक मेडिकल छात्रा के साथ हुए गैंगरेप के बाद छात्राओं को सलाह दी है। उन्होंने विशेष रूप से उन छात्राओं को चेतावनी दी जो बाहर से आई हैं, कि उन्हें छात्रावास के नियमों का पालन करना चाहिए और रात में बाहर नहीं जाना चाहिए। ममता ने कहा कि पुलिस हर किसी की गतिविधियों पर नजर नहीं रख सकती और यह संभव नहीं है कि वे हर घर के बाहर सुरक्षा प्रदान करें। उन्होंने इस घटना को बेहद चौंकाने वाला बताया और कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और अन्य की तलाश जारी है। मुख्यमंत्री ने प्राइवेट कॉलेजों से भी सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की।
दिल्ली में रेखा गुप्ता की नई नीतियाँ
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शहर की लाइसेंसिंग व्यवस्था को व्यवसाय के अनुकूल बनाने के लिए कई सुधार लागू किए हैं। हाल ही में, रेस्टोरेंट और होटल जैसे व्यवसायों के लिए दिल्ली पुलिस से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है। गुप्ता ने दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जिसके तहत महिलाओं को पहली बार रात की पाली में काम करने की अनुमति दी गई है। नए नियमों में सुरक्षित परिवहन, सीसीटीवी कवरेज और रात में महिला सुरक्षा कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य की गई है। गुप्ता ने कहा कि यह कदम दिल्ली को 24×7 व्यापार केंद्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
महिलाओं की भागीदारी और सुरक्षा पर ध्यान
दोनों महिला मुख्यमंत्रियों की नीतियों से उनकी सोच का स्पष्ट संकेत मिलता है। जहां दिल्ली की मुख्यमंत्री ने रात की हलचल को देखते हुए नीतियों में बदलाव किया है, वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने छात्राओं को रात में बाहर न निकलने की सलाह दी है। पं. बंगाल में बिगड़ती कानून व्यवस्था एक गंभीर चिंता का विषय है। ममता को नसीहत देने के साथ-साथ प्रदेश में कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। वहीं, रेखा गुप्ता को दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाने होंगे। महिलाओं की सुरक्षा अत्यंत आवश्यक है, और सुरक्षा के नाम पर उनके अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए।
मुख्य संपादक का विचार
-इरविन खन्ना, मुख्य संपादक