Newzfatafatlogo

महिलाओं की सुरक्षा पर रेलवे की नई चुनौतियाँ और कदम

भारतीय रेलवे में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंताएँ फिर से उठी हैं, खासकर तिरुवनंतपुरम में। हाल ही में 601 पुरुषों को महिलाओं के आरक्षित डिब्बों में यात्रा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यात्रियों का कहना है कि रेलवे हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराना मुश्किल हो गया है। रेलवे ने सुरक्षा के लिए कई नए कदम उठाए हैं, लेकिन यात्रियों की नाराजगी बरकरार है। क्या रेलवे अपनी तकनीकी खामियों को दूर कर पाएगा? जानिए पूरी कहानी में।
 | 
महिलाओं की सुरक्षा पर रेलवे की नई चुनौतियाँ और कदम

तिरुवनंतपुरम में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल


तिरुवनंतपुरम: भारतीय रेलवे में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंताएँ फिर से उठी हैं। एक ओर, रेलवे हेल्पलाइन पर शिकायतें दर्ज कराना यात्रियों के लिए कठिनाई बन गया है, वहीं तिरुवनंतपुरम डिवीजन में महिलाओं के लिए आरक्षित डिब्बों में यात्रा कर रहे 601 पुरुषों को गिरफ्तार किया गया है।


रेलवे हेल्पलाइन की समस्याएँ

यात्री बताते हैं कि आपात स्थिति में रेलवे के हेल्पलाइन नंबर या तो देर से प्रतिक्रिया देते हैं या फिर ऑटोमेटेड संदेशों में फंस जाते हैं, जिससे सुरक्षा पर सवाल उठते हैं।


रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए 139, 112 और 9846200100 नंबर जारी किए हैं, लेकिन इन पर संपर्क करना आसान नहीं है। कॉल करने पर यात्रियों को कई विकल्पों से गुजरना पड़ता है, जिसमें पहले बिलासपुर ट्रेन हादसे की जानकारी सुनाई जाती है। इसके बाद, 1 दबाने पर सुरक्षा या मेडिकल इमरजेंसी, 2 पर सामान्य जानकारी और 4 पर महिला सुरक्षा से संबंधित विकल्प मिलता है। हालांकि, भाषा चुनने के बाद भी कॉल अक्सर कट जाती है या वही निर्देश दोहराए जाते हैं।


112 नंबर की विफलता और पुलिस का त्वरित रिस्पॉन्स

जहां 112 नंबर पर कॉल शायद ही कभी जुड़ती है, वहीं रेलवे पुलिस कंट्रोल रूम का नंबर 9846200100 पहली बार में ही कनेक्ट हो जाता है। केरल पुलिस का इमरजेंसी नंबर 100 भी तुरंत प्रतिक्रिया देता है। पुलिस अधिकारियों ने कहा, 'ट्रेन में किसी भी आपात स्थिति में यात्री इस नंबर पर कॉल करें, हम तुरंत रेलवे कंट्रोल रूम को सूचना देंगे।' यह व्यवस्था विशेष रूप से महिला यात्रियों में सुरक्षा की भावना को बढ़ावा देती है।


सख्त कार्रवाई के तहत 601 पुरुषों की गिरफ्तारी

रेलवे ने बताया कि इस वर्ष तिरुवनंतपुरम डिवीजन में महिलाओं के कोच में यात्रा करने के आरोप में 601 पुरुषों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से छह पर महिलाओं से संबंधित अपराधों के मामले दर्ज हुए हैं, जबकि 34 को अदालत में पेश किया गया। इसके अलावा, विभिन्न अपराधों में 7,193 लोगों पर केस दर्ज किए गए हैं। रेलवे का कहना है कि महिलाओं के कोच में पुरुषों की घुसपैठ पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी।


महिलाओं की सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान

2025 में महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए रेलवे ने कई नए कदम उठाए हैं। स्टेशनों और ट्रेनों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं और जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। इस साल 35,406 महिला यात्रियों से संपर्क कर उनकी समस्याओं को सुना गया। अधिकारियों का कहना है कि रेलवे लगातार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि महिलाएं बिना डर के यात्रा कर सकें।


यात्रियों की नाराजगी बरकरार

हालांकि ये पहलें सराहनीय हैं, लेकिन यात्रियों का कहना है कि जब तक हेल्पलाइन सेवाएं सुचारू रूप से नहीं चलेंगी, तब तक असली सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जा सकती। कई यात्रियों ने बताया कि आपात स्थिति में बार-बार कॉल करने पर भी मदद नहीं मिलती। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि रेलवे वास्तव में यात्रियों की सुरक्षा चाहता है, तो उसे तकनीकी खामियों को जल्द दूर करना होगा।