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महिलाओं के कानूनी अधिकारों पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

जींद के राजकीय महाविद्यालय में महिलाओं के कानूनी अधिकारों पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्राओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और समाज में समानता एवं न्याय की भावना को बढ़ावा देना था। प्रमुख वक्ता अधिवक्ता कविता शर्मा ने विभिन्न कानूनों पर चर्चा की, जबकि प्राचार्य सत्यवान मलिक ने महिलाओं को अपने अधिकारों की जानकारी रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। कार्यक्रम में छात्राओं ने भी सक्रिय भागीदारी दिखाई।
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महिलाओं के कानूनी अधिकारों पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

महिला प्रकोष्ठ और कानूनी साक्षरता प्रकोष्ठ का संयुक्त आयोजन


  • राजकीय महाविद्यालय में कानून जागरूकता पर व्याख्यान का आयोजन


जींद। राजकीय महाविद्यालय में महिला प्रकोष्ठ और कानूनी साक्षरता प्रकोष्ठ ने मिलकर महिलाओं के कानूनी अधिकारों पर एक विस्तृत व्याख्यान का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्राओं और महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और समाज में समानता एवं न्याय की भावना को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य सत्यवान मलिक ने की।


सत्यवान मलिक ने अपने संबोधन में कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनने के लिए अपने अधिकारों की जानकारी होना आवश्यक है। उन्होंने छात्राओं से आग्रह किया कि वे इस ज्ञान को अन्य महिलाओं तक भी पहुँचाएं। उपप्राचार्य डॉ. रणधीर सिंह ने कहा कि कानूनी साक्षरता से महिलाएं अन्याय, भेदभाव और हिंसा के खिलाफ मजबूती से खड़ी हो सकती हैं।


अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की प्रेरणा

अन्याय के विरुद्ध अपनी आवाज करे बुलंद


मुख्य वक्ता अधिवक्ता कविता शर्मा ने महिलाओं से संबंधित विभिन्न कानूनों जैसे घरेलू हिंसा अधिनियम, दहेज निषेध अधिनियम, और कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण) अधिनियम पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि हर महिला को अपने अधिकारों की जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है ताकि वे अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज उठा सकें। महिला प्रकोष्ठ की संयोजिका डॉ. प्रेम पूनम ने कहा कि ऐसे आयोजन छात्राओं के लिए प्रेरणास्रोत होते हैं और कानूनी जागरूकता समाज के विकास का मूल आधार है।


कानूनी ज्ञान का महत्व

कानूनी ज्ञान ही समाज में समानता और न्याय की सच्ची नींव


कानूनी साक्षरता प्रकोष्ठ की संयोजिका पूनम ने कहा कि कानूनी ज्ञान ही समाज में समानता और न्याय की सच्ची नींव है। कार्यक्रम के दौरान छात्राओं ने अपने विचार साझा किए और कानूनी अधिकारों से संबंधित प्रश्न पूछे, जिनका समाधान मुख्य अधिवक्ता द्वारा किया गया। डॉ. प्रेम पूनम ने सभी को कानूनी जागरूकता के संदेश को समाज के हर वर्ग तक पहुँचाने का आग्रह किया।