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महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर अलका लांबा की कड़ी टिप्पणी

कांग्रेस नेता अलका लांबा ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर चिंता जताई। उन्होंने ओडिशा में एक नाबालिग के जिंदा जलाने के मामले और मध्य प्रदेश में दलित और आदिवासी महिलाओं के खिलाफ बलात्कार के आंकड़ों का उल्लेख किया। लांबा ने सरकार की विफलता की आलोचना करते हुए BJP नेताओं से अपराधियों का समर्थन न करने की अपील की। इस मुद्दे पर उनकी आवाज़ ने न्याय की मांग को और भी मजबूत किया है।
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महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर अलका लांबा की कड़ी टिप्पणी

महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर चिंता

नई दिल्ली। कांग्रेस की नेता अलका लांबा ने रविवार को AICC मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि 19 जुलाई 2025 को ओडिशा के पुरी में तीन व्यक्तियों ने एक नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसे जिंदा जला दिया। उस 15 वर्षीय बच्ची को दिल्ली के AIIMS लाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। जब इस मामले में पूछताछ की गई कि अपराधियों की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई, तो पुलिस ने कहा कि इसमें किसी का हाथ नहीं था। यह पुलिस और सरकार की विफलता है।

अलका लांबा ने आगे कहा कि मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने पूछा कि 2022 से 2024 के बीच कितनी दलित और आदिवासी महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ। सरकार ने जवाब दिया कि 7,418 महिलाओं के साथ ऐसा हुआ। संसद के सत्र के दौरान महिला कांग्रेस ने 'न्याय मार्च' निकाला, जिसमें महिला सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा की मांग की गई। हालांकि, पुलिस ने उन्हें नजफगढ़ थाने में 8 घंटे तक बंद रखा, जिससे उनकी आवाज को दबाने का प्रयास किया गया। यह स्थिति पूरे देश में स्पष्ट रूप से देखी जा रही है।

इसके अलावा, उन्होंने प्रज्वल रेवन्ना के मामले को भी उठाया, जिसने कई महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया। इसके बावजूद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसके प्रचार के लिए गए। राहुल गांधी ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामला चलवाया, जिसके परिणामस्वरूप प्रज्वल रेवन्ना को 15 महीने में दोषी ठहराया गया। अलका लांबा ने BJP नेताओं से अपील की कि वे अपराधियों का समर्थन करना बंद करें।