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महुआ मोइत्रा को मिली राहत, दिल्ली हाई कोर्ट ने रद्द की लोकपाल की मंजूरी

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने लोकपाल द्वारा आरोपपत्र दाखिल करने की मंजूरी को रद्द कर दिया है। यह मामला पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने से संबंधित है, जिसमें भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने उन पर गंभीर आरोप लगाए थे। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और कोर्ट के फैसले का महत्व।
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महुआ मोइत्रा को मिली राहत, दिल्ली हाई कोर्ट ने रद्द की लोकपाल की मंजूरी

महुआ मोइत्रा को मिली राहत

नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में महत्वपूर्ण राहत मिली है। केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई इस मामले में अभी आरोपपत्र दाखिल नहीं करेगी, क्योंकि दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को लोकपाल द्वारा आरोपपत्र फाइल करने की मंजूरी को रद्द कर दिया है। यह मंजूरी 12 नवंबर को दी गई थी। जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और हरीश वैद्यनाथन शंकर की बेंच ने कहा, 'हम मानते हैं कि लोकपाल ने इस मामले में गलती की है।'


हाई कोर्ट ने लोकपाल को निर्देश दिया है कि वह लोकपाल और लोकायुक्त कानून की धारा 20 के तहत एक महीने के भीतर नए सिरे से निर्णय ले। सुनवाई के दौरान महुआ मोइत्रा के वकील ने कहा कि लोकपाल ने मंजूरी देते समय कानूनी प्रक्रिया का सही पालन नहीं किया। कानून के अनुसार, किसी जनप्रतिनिधि के खिलाफ मंजूरी देने से पहले उनकी टिप्पणी लेना आवश्यक होता है, जो इस मामले में नहीं ली गई।


यह ध्यान देने योग्य है कि अक्टूबर 2023 में भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाया था कि उन्होंने महंगे उपहार और पैसे लेकर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडानी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछे। इसके बाद यह मामला लोकसभा की एथिक्स कमेटी में भेजा गया, जहां महुआ को दोषी पाया गया और उन्हें लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया। अब, दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के बाद लोकपाल इस मामले पर नए सिरे से विचार करेगा।