माउंट एवरेस्ट पर बढ़ता कचरा: पर्यावरणीय संकट की ओर इशारा
माउंट एवरेस्ट का गंभीर पर्यावरणीय संकट
नई दिल्ली - माउंट एवरेस्ट, जो नेपाल और चीन की सीमा पर स्थित है और जिसकी ऊंचाई 8,849 मीटर है, वर्तमान में एक गंभीर पर्यावरणीय संकट का सामना कर रहा है। इसकी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता और रोमांच के कारण हर साल सैकड़ों पर्वतारोही यहां आते हैं, लेकिन बढ़ती भीड़ के कारण छोड़ा गया कचरा अब एवरेस्ट के नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है।
कचरे की परतों में ढकी चोटी
हाल ही में Everest Today नामक प्लेटफॉर्म द्वारा साझा किए गए एक वीडियो ने इस गंभीर स्थिति को उजागर किया है। वीडियो में बर्फीली ढलानों पर प्लास्टिक, पुराने कपड़े, खाने-पीने के पैकेट, खाली ऑक्सीजन सिलेंडर और फटे टेंट बिखरे हुए दिखाई देते हैं। हालात अभी भी लगभग वैसे ही बने हुए हैं।
Disheartening to see the accumulation of garbage at Camp IV on Mt #Everest (8848.86 m), where human life mostly depends on supplementary oxygen, the mountain itself is being left to suffocate beneath our waste.
The garbage accumulating at the highest camps reflects a deeper… pic.twitter.com/NXNe08TlXc
— Everest Today (@EverestToday) December 19, 2025
विशेष रूप से ऊंचाई पर बने कैंप, खासकर कैंप-4, जहां पर्वतारोहियों की जिंदगी ऑक्सीजन पर निर्भर होती है, वहां कचरे का अंबार लगना चिंता का विषय बन चुका है। तस्वीरें स्पष्ट रूप से दिखाती हैं कि इंसानी लापरवाही ने दुनिया की इस ऊंचाई को भी नहीं छोड़ा। Everest Today ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि कैंप-4 पर जमा होता कचरा बेहद दुखद है। पोस्ट में कहा गया कि जहां इंसान ऑक्सीजन के सहारे जिंदा रहता है, वहीं पहाड़ हमारे कचरे के नीचे दम तोड़ता दिख रहा है। ऊंची चोटियों की होड़ में हम उस पर्वत के प्रति अपनी जिम्मेदारी भूलते जा रहे हैं। इस पोस्ट में सख्त नियमों, साफ-सुथरी चढ़ाई और ठोस कचरा प्रबंधन की मांग की गई है।
सोशल मीडिया पर नाराजगी और सख्ती की मांग
वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। एक यूजर ने लिखा कि वह एवरेस्ट बेस कैंप में रह चुका है और यह दृश्य देखकर उसका दिल टूट गया। कई लोगों ने सुझाव दिया कि पर्वतारोहण फीस में सफाई को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए। कुछ यूजर्स ने तो यह भी कहा कि जो पर्वतारोही अपना कचरा वापस नहीं ला सकते, उन्हें एवरेस्ट पर चढ़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। वहीं, कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि प्रशासन आखिर ऐसी स्थिति को क्यों पनपने दे रहा है।
