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माता वैष्णो देवी यात्रा के लिए नए नियम लागू, श्रद्धालुओं को समय सीमा का पालन करना होगा

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रा नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब श्रद्धालुओं को RFID यात्रा कार्ड प्राप्त करने के 10 घंटे के भीतर यात्रा शुरू करनी होगी और 24 घंटे के भीतर कटड़ा लौटना अनिवार्य है। यह निर्णय नववर्ष के दौरान बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लिया गया है। सभी माध्यमों से यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं पर ये नियम लागू होंगे। जानें और क्या है इस नए नियम में।
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माता वैष्णो देवी यात्रा के लिए नए नियम लागू, श्रद्धालुओं को समय सीमा का पालन करना होगा

नई यात्रा नियमों की घोषणा

नई दिल्ली - श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने माता वैष्णो देवी की यात्रा से संबंधित नियमों में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं। नए निर्देशों के अनुसार, श्रद्धालुओं को यात्रा पंजीकरण के बाद RFID यात्रा कार्ड प्राप्त करने के 10 घंटे के भीतर अपनी यात्रा आरंभ करनी होगी। इसके अलावा, उन्हें 24 घंटे के भीतर यात्रा समाप्त कर आधार शिविर कटड़ा लौटना भी अनिवार्य होगा।


तत्काल प्रभाव से लागू नियम

श्राइन बोर्ड द्वारा जारी किए गए ये निर्देश तुरंत प्रभाव से लागू हो गए हैं। पहले, RFID यात्रा कार्ड की वैधता 12 घंटे थी, और श्रद्धालु उस अवधि में कभी भी यात्रा शुरू कर सकते थे। यात्रा पूरी करने के लिए कोई समय सीमा नहीं थी।


नववर्ष के चलते बढ़ती भीड़ का ध्यान

नववर्ष से पहले बढ़ती भीड़ को देखते हुए निर्णय
श्राइन बोर्ड ने बताया कि नववर्ष के नजदीक आने के कारण माता वैष्णो देवी यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। हर साल नए साल के तीन-चार दिन पहले भारी भीड़ उमड़ती है। ऐसे में भवन परिसर और प्रमुख धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण और भगदड़ की आशंका को रोकने के लिए ये नए नियम लागू किए गए हैं।


सभी माध्यमों से यात्रा करने वालों पर लागू होंगे नियम

नए आदेश सभी श्रद्धालुओं पर लागू होंगे, चाहे वे पैदल, हेलीकॉप्टर, बैटरी कार या किसी अन्य माध्यम से यात्रा कर रहे हों। श्राइन बोर्ड ने यात्रा पंजीकरण केंद्रों पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि वे श्रद्धालुओं को इन नए नियमों की जानकारी लगातार दें।


श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा पर जोर

श्राइन बोर्ड प्रशासन का कहना है कि इन नियमों का मुख्य उद्देश्य भीड़ को व्यवस्थित करना, यात्रा को सुरक्षित बनाना और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है, ताकि पवित्र यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या दुर्घटना से बचा जा सके।