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माता वैष्णो देवी यात्रा स्थगित: खराब मौसम के कारण श्रद्धालुओं को इंतजार

माता वैष्णो देवी की यात्रा एक बार फिर से खराब मौसम के कारण स्थगित कर दी गई है। 14 सितंबर से शुरू होने वाली यात्रा अब अनिश्चितकाल के लिए रोक दी गई है। जम्मू-कश्मीर में लगातार बारिश और भूस्खलन के खतरे के चलते श्रद्धालुओं को सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय लिया गया है। पिछले महीने हुए एक हादसे की यादें भी ताजा हैं, जिसमें कई श्रद्धालुओं की जान गई थी। जानें इस स्थिति पर केंद्र सरकार और श्राइन बोर्ड की क्या प्रतिक्रिया है और श्रद्धालुओं को क्या सलाह दी गई है।
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माता वैष्णो देवी यात्रा स्थगित: खराब मौसम के कारण श्रद्धालुओं को इंतजार

यात्रा स्थगित होने की जानकारी

माता वैष्णो देवी यात्रा स्थगित: माता वैष्णो देवी की यात्रा एक बार फिर से भारी बारिश और खराब मौसम के कारण अनिश्चितकाल के लिए रोक दी गई है। यह यात्रा 14 सितंबर से शुरू होने वाली थी, लेकिन भयंकर बारिश के चलते ट्रैक की स्थिति बिगड़ गई है। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं से आधिकारिक अपडेट लेने की अपील की है। 


प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव

जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही बारिश और उससे उत्पन्न प्राकृतिक आपदाओं ने श्रद्धालुओं की यात्रा को एक बार फिर बाधित कर दिया है। भक्तों को अब कुछ और समय इंतजार करना होगा क्योंकि श्राइन बोर्ड ने 14 सितंबर से शुरू होने वाली यात्रा को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है। बारिश और भूस्खलन के खतरे को देखते हुए बोर्ड ने सुरक्षा को प्राथमिकता दी है।


भारी बारिश के कारण यात्रा पर असर

भारी बारिश के कारण यात्रा स्थगित

शनिवार को श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर जानकारी दी कि भवन और ट्रैक पर लगातार हो रही बारिश से हालात खराब हो गए हैं। ऐसे में यात्रा शुरू करना संभव नहीं है। बोर्ड ने कहा कि श्रद्धालु केवल आधिकारिक चैनलों से जारी सूचनाओं पर भरोसा करें और यात्रा से संबंधित किसी भी अपडेट के लिए वहीं देखें। यह फैसला मुख्य रूप से यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए लिया गया है।


अगस्त में हुए हादसे की यादें

अगस्त हादसे की दर्दनाक यादें

यह पहली बार नहीं है जब यात्रा बाधित हुई हो। 26 अगस्त को भी भारी बारिश और भूस्खलन के चलते यात्रा रोकनी पड़ी थी। उस दौरान अर्धकुमारी के पास हुए बड़े भूस्खलन में 34 श्रद्धालुओं की जान चली गई थी, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हो गए थे। हादसे के बाद जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति बनाई थी, जो इस घटना की जांच कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उस हादसे पर शोक जताते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की थी और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की थी.


केंद्र सरकार की निगरानी

केंद्र सरकार की निगरानी

बार-बार हो रही प्राकृतिक आपदाओं ने जम्मू-कश्मीर में हालात बिगाड़ दिए हैं। पिछले कुछ महीनों में यहां बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन जैसी घटनाओं से भारी नुकसान हुआ है। शनिवार को केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू जिले के प्रभावित गांवों का दौरा किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि जो भी ढांचे क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें बेहतर तकनीक और नए मानकों के साथ फिर से बनाया जाएगा, ताकि भविष्य में प्राकृतिक आपदाओं से बचाव हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी खुद तीन राज्यों हिमाचल प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं और केंद्र-राज्य सरकारें मिलकर राहत और पुनर्वास कार्य कर रही हैं.


श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर जोर

श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि

माता वैष्णो देवी यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र रही है। लेकिन बार-बार मौसम की मार और हादसों ने यात्रियों की सुरक्षा को सबसे अहम मुद्दा बना दिया है। श्राइन बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि जब तक हालात पूरी तरह सामान्य नहीं हो जाते, यात्रा दोबारा शुरू नहीं की जाएगी। भक्तों से अपील की गई है कि वे धैर्य बनाए रखें और अनावश्यक जोखिम न उठाएं। आस्था के इस मार्ग पर सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी.