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मानसून में कोविड-19 के नए वेरिएंट्स से बचाव के उपाय

मानसून का मौसम जहां गर्मी से राहत देता है, वहीं यह कई बीमारियों को भी लाता है। कोविड-19 के नए वेरिएंट्स का खतरा बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस दौरान सतर्क रहना और आवश्यक सावधानियां अपनाना बेहद जरूरी है। जानें कि कैसे मानसून में इम्यून सिस्टम को मजबूत रखा जाए और कोविड-19 के लक्षणों की पहचान कैसे करें। इसके साथ ही, वैक्सीनेशन का महत्व भी जानें।
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मानसून में कोविड-19 के नए वेरिएंट्स से बचाव के उपाय

कोविड-19 का अलर्ट:

बारिश का मौसम गर्मी से राहत तो देता है, लेकिन यह कई बीमारियों को भी जन्म देता है। खासकर, वायरल संक्रमण, सर्दी-ज़ुकाम और फ्लू के मामले इस समय तेजी से बढ़ते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस मौसम में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट्स का खतरा भी बढ़ सकता है। इसलिए, सतर्क रहना और आवश्यक सावधानियां अपनाना बेहद जरूरी है। एशियन हॉस्पिटल के निदेशक, डॉक्टर मानव मनचंदाने ने इस विषय पर विस्तार से जानकारी दी है।


खतरे का कारण क्या है?

मानसून में नमी बढ़ने से वायरस और बैक्टीरिया के पनपने के लिए अनुकूल वातावरण बनता है। हवा में नमी और लगातार भीगने से लोगों की इम्यूनिटी प्रभावित होती है। यही कारण है कि इस मौसम में वायरल संक्रमण, फ्लू और कोरोना जैसे रोगों का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा, लोग अक्सर बंद और भीड़भाड़ वाली जगहों पर समय बिताते हैं, जिससे संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ जाती है।


जरूरी सावधानियां अपनाएं

डॉक्टर के अनुसार, बारिश के मौसम में कोविड से बचाव के लिए वही सावधानियां बरतनी चाहिए जो महामारी के दौरान की जाती थीं। मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना, भीड़भाड़ से बचना, हाथों की सफाई और खांसते-छींकते समय मुंह ढंकना जैसी आदतें दोबारा अपनानी चाहिए। भीगे कपड़ों में देर तक रहना या ठंडे स्थानों पर अधिक समय बिताने से भी बचना चाहिए।


क्या इम्यून सिस्टम कमजोर होता है?

बारिश के मौसम में तापमान में उतार-चढ़ाव और वायरल लोड बढ़ने से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है। जब इम्यूनिटी कमजोर होती है, तो व्यक्ति किसी भी वायरल संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है, जिसमें कोविड-19 के वेरिएंट्स भी शामिल हैं। इसलिए, हेल्दी डाइट, पर्याप्त नींद और नियमित व्यायाम से इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखना आवश्यक है।


सर्दी-जुकाम या कोरोना, पहचान कैसे करें?

मानसून में सर्दी-ज़ुकाम, बुखार और गले में खराश जैसी समस्याएं आम होती हैं। लेकिन ये लक्षण कोरोना संक्रमण के भी हो सकते हैं। ऐसे में लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यदि आपको स्वाद और गंध का चला जाना, तेज बुखार, सांस लेने में कठिनाई या थकावट महसूस हो रही है, तो तुरंत कोविड टेस्ट कराएं। सेल्फ आइसोलेशन में रहें और डॉक्टर की सलाह लें।


वैक्सीनेशन और बूस्टर डोज का महत्व

डॉक्टर का कहना है कि कोरोना वायरस म्यूटेट होकर नए वेरिएंट्स बनाता है, जिनका प्रभाव अलग-अलग हो सकता है। इसलिए, जिन लोगों को वैक्सीन या बूस्टर शॉट्स नहीं लगे हैं, उन्हें जल्द से जल्द यह सुरक्षा कवच लेना चाहिए। विशेष रूप से बुजुर्गों, बच्चों और पहले से बीमार लोगों को इस मौसम में अतिरिक्त सावधानी बरतने और वैक्सीनेशन सुनिश्चित कराने की आवश्यकता है।