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मारकंडा नदी का जलस्तर बढ़ा, कुरुक्षेत्र में खतरे के स्तर से 0.70 मीटर नीचे

कुरुक्षेत्र में मारकंडा नदी का जलस्तर हाल की बारिश के कारण बढ़ गया है, जो खतरे के स्तर से 0.70 मीटर नीचे बह रही है। पिछले दिनों हुई बारिश ने नदी में पानी की मात्रा को तेजी से बढ़ाया। हालांकि, रात में जलस्तर में कमी आई है, लेकिन आगे की बारिश से स्थिति फिर से गंभीर हो सकती है। जानें इस स्थिति का पूरा विवरण और प्रभावित क्षेत्रों के बारे में।
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मारकंडा नदी का जलस्तर बढ़ा, कुरुक्षेत्र में खतरे के स्तर से 0.70 मीटर नीचे

हिमाचल प्रदेश में बारिश से बढ़ा जलस्तर


हिमाचल प्रदेश के सिरमौर, नाहन और काला में हाल ही में हुई बारिश के कारण मारकंडा नदी का जलस्तर फिर से बढ़ गया है। पिछले दिन काला अंब से नदी में लगभग 18 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे कुरुक्षेत्र में नदी उफान पर आ गई। बीती शाम 7 बजे तक मारकंडा में 17 हजार क्यूसेक पानी दर्ज किया गया, लेकिन रात में जलस्तर में कमी आई। बुधवार, 17 सितंबर की शाम 6 बजे तक नदी में केवल 1,126 क्यूसेक पानी था।


जलस्तर में तेजी से वृद्धि

गेज रीडर रविंद्र कुमार के अनुसार, शाम 4 बजे के बाद नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा। पिछले दिन लगभग 4.5 घंटे में मारकंडा में करीब 14 हजार क्यूसेक पानी की वृद्धि हुई। रात करीब 9 बजे की रिपोर्ट में नदी में 17 हजार 681 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया, जो कि खतरे के स्तर (256 मीटर) से 0.70 मीटर (255.30 मीटर) नीचे बह रही थी।


रात में जलस्तर में कमी

शाहाबाद में रात भर में मारकंडा का जलस्तर घट गया है। रात के दौरान जलस्तर में 10 हजार क्यूसेक की कमी आई। सुबह 6 बजे की रिपोर्ट के अनुसार, नदी में 7 हजार 496 क्यूसेक पानी बह रहा है। हालांकि, आज सिरमौर, नाहन और काला अंब में फिर से तेज बारिश होने की संभावना है, जिससे जलस्तर बढ़ सकता है।


बेगना नदी में भी बढ़ा जलस्तर

कश्मीर सिंह ने बताया कि नाहन में बारिश के कारण बेगना और रून नदी में भी जलस्तर बढ़ गया है। बेगना नदी में लगभग 25 हजार क्यूसेक और रून नदी में करीब 22 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इसके बाद अंबाला के मुलाना में बेगना में लगभग 27 हजार क्यूसेक पानी बह रहा है।


नैसी गांव में जलभराव

मारकंडा में जलस्तर बढ़ने से नैसी गांव के खेतों में फिर से पानी भर गया है। नैसी गांव के पास टूटे हुए दो तटबंधों में से एक की मरम्मत नहीं की जा सकी, जिसके कारण पानी खेतों में आ गया। कुछ स्थानों पर पहले आई बाढ़ का पानी भी अभी तक खड़ा है।