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मारुति सुजुकी ने भारतीय रेलवे के माध्यम से 5.18 लाख गाड़ियों का नया रिकॉर्ड बनाया

मारुति सुजुकी ने भारतीय रेलवे के सहयोग से 5.18 लाख गाड़ियों का परिवहन कर एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। यह संख्या कंपनी के कुल उत्पादन का 24.3% है और यह प्रदूषण कम करने तथा ऊर्जा की बचत में सहायक है। 2013 से शुरू हुए इस सफर में, कंपनी ने लगातार रेलवे के माध्यम से गाड़ियों का डिस्पैच बढ़ाया है। जानें इस उपलब्धि के बारे में और भी जानकारी।
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मारुति सुजुकी ने भारतीय रेलवे के माध्यम से 5.18 लाख गाड़ियों का नया रिकॉर्ड बनाया

मारुति सुजुकी का नया कीर्तिमान

कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। इसने भारतीय रेलवे के सहयोग से ऐसा कार्य किया है जो किसी अन्य कार निर्माता ने नहीं किया। वित्तीय वर्ष 2024-25 में, मारुति सुजुकी ने रेलवे के माध्यम से 5.18 लाख गाड़ियों का परिवहन किया। कंपनी के अनुसार, यह संख्या उसके कुल उत्पादन का लगभग 24.3% है, जिसे विभिन्न शहरों में भेजा गया। यह एक वित्तीय वर्ष में रेलवे द्वारा भेजी गई सबसे बड़ी मात्रा है। मारुति ने बताया कि रेलवे का उपयोग करने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह कम प्रदूषण उत्पन्न करता है और ऊर्जा की बचत करता है, साथ ही सड़क पर भीड़भाड़ को कम करने में मदद करता है।


600 शहरों में गाड़ियों का वितरण

वर्तमान में, मारुति सुजुकी भारतीय रेलवे के माध्यम से 20 से अधिक हबों तक अपनी गाड़ियाँ भेजती है, जहां से ये पूरे देश के 600 से अधिक शहरों में वितरित की जाती हैं। इसके अलावा, कंपनी जिन दो पोर्ट्स, मुंद्रा और पिपावाव, का उपयोग अंतरराष्ट्रीय एक्सपोर्ट के लिए करती है, वहां तक भी गाड़ियों का परिवहन रेलवे द्वारा किया जाता है।


2013 से शुरू हुआ यह सफर

मारुति सुजुकी ने 2013 में रेलवे के माध्यम से गाड़ियों का परिवहन शुरू किया था। पहले वर्ष, वित्तीय वर्ष 2014-15 में, कंपनी ने केवल 65,700 गाड़ियाँ भेजी थीं, जबकि अगले वर्ष में यह संख्या बढ़कर 76,441 हो गई। वित्तीय वर्ष 2017 में, कंपनी ने 87,747 गाड़ियों का परिवहन किया, जो कुल डिस्पैच का 5.5% था।


एक लाख गाड़ियों का आंकड़ा पार

वित्तीय वर्ष 2018 में, मारुति सुजुकी ने पहली बार रेलवे के माध्यम से एक लाख गाड़ियों का डिस्पैच किया, जिसमें कुल 1,10,377 यूनिट शामिल थीं, जो 6.2% का योगदान दर्शाती हैं। वित्तीय वर्ष 2025 में, भारतीय रेलवे के माध्यम से 5.18 लाख गाड़ियों के डिस्पैच के साथ, कंपनी ने 180,660 टन CO2 और 63 मिलियन लीटर ईंधन की बचत की है।