मालेगांव ब्लास्ट केस में सभी आरोपियों को बरी करने का फैसला, योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया

मालेगांव ब्लास्ट केस का अदालती फैसला
लखनऊ। मुंबई में एक विशेष एनआईए अदालत ने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है। इसमें भाजपा की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा, पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित और रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय जैसे नाम शामिल हैं। इस फैसले के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
मालेगांव विस्फोट प्रकरण में सभी आरोपियों का निर्दोष सिद्ध होना 'सत्यमेव जयते' की सजीव उद्घोषणा है।
यह निर्णय कांग्रेस के भारत विरोधी, न्याय विरोधी और सनातन विरोधी चरित्र को पुनः उजागर करता है, जिसने 'भगवा आतंकवाद' जैसा मिथ्या शब्द गढ़कर करोड़ों सनातन आस्थावानों, साधु-संतों और…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 31, 2025
मुख्यमंत्री ने कहा कि मालेगांव विस्फोट मामले में सभी आरोपियों का निर्दोष साबित होना 'सत्यमेव जयते' का जीवंत प्रमाण है। उन्होंने यह भी कहा कि यह निर्णय कांग्रेस के भारत विरोधी, न्याय विरोधी और सनातन विरोधी चरित्र को फिर से उजागर करता है, जिसने 'भगवा आतंकवाद' जैसे झूठे शब्द का इस्तेमाल कर करोड़ों लोगों की छवि को धूमिल किया है। उन्होंने कांग्रेस से अपने कृत्यों के लिए सार्वजनिक माफी मांगने की मांग की।
मालेगांव ब्लास्ट केस में अदालत का फ़ैसला अभिनंदनीय है। इसके साथ ही कांग्रेस की भगवा आतंकवाद गढ़ने की नापाक कोशिश ध्वस्त हो गई है। तबक़ी केंद्र में यूपीए सरकार और महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने धतकर्म करते हुए इस ब्लास्ट के ज़रिए भगवा आतंकवाद की थ्योरी गढ़ते हुए मुख्य…
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) July 31, 2025
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी इस फैसले को सराहनीय बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की 'भगवा आतंकवाद' की थ्योरी अब ध्वस्त हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि यूपीए सरकार और महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने इस मामले में मुख्य गुनहगारों को पकड़ने के बजाय हिंदुओं को गलत तरीके से गिरफ्तार किया और उन पर अपराध स्वीकार करने का दबाव डाला। मौर्य ने कहा कि कांग्रेस और गांधी परिवार हमेशा से हिंदुओं के खिलाफ रहे हैं।