मिजोरम में 75 करोड़ रुपये की मादक द्रव्यों की तस्करी का भंडाफोड़

मिजोरम में मादक द्रव्यों की तस्करी का बड़ा खुलासा
मिजोरम में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और राज्य के उत्पाद शुल्क एवं नारकोटिक्स विभाग के सहयोग से एक विशेष संयुक्त अभियान में 75 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की मादक द्रव्यों की तस्करी को विफल कर दिया है। यह कार्रवाई मिजोरम-म्यांमार सीमा पर अवैध नशीली दवाओं के व्यापार को रोकने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
21 अगस्त 2025 को, बीएसएफ की खुफिया जानकारी के आधार पर आइजोल-चम्फाई राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-6) पर केइफांग और सेलिंग गांवों के बीच एक विशेष ऑपरेशन शुरू किया गया। इस अभियान के दौरान, संयुक्त टीम ने चार संदिग्ध वाहनों को रोका और आठ व्यक्तियों को हिरासत में लिया। बीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया, "यह ऑपरेशन बीएसएफ, एनसीबी और मिजोरम उत्पाद शुल्क विभाग के बीच बेहतर सहयोग का परिणाम है।"
भारी मात्रा में मादक द्रव्य जब्त
गाड़ियों की तलाशी के दौरान, तीन प्लास्टिक बैग में 50 पैकेट मिले, जिनका वजन लगभग एक किलोग्राम था। इनमें करीब 5 लाख गुलाबी रंग की गोलियां थीं, जिन्हें मेथामफेटामाइन (याबा) माना जा रहा है। कुल 50 किलोग्राम मेथामफेटामाइन के अलावा, तीन साबुन के डिब्बों में 36 ग्राम हेरोइन भी बरामद की गई। इन मादक द्रव्यों की अवैध मार्केट में कीमत 75 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है। एनसीबी के एक अधिकारी ने कहा, "यह जब्ती नशीली दवाओं के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक बड़ी जीत है।"
नशीली दवाओं के खिलाफ चल रहा बड़ा ऑपरेशन
यह ऑपरेशन मिजोरम-म्यांमार कॉरिडोर पर नशीली दवाओं की तस्करी को रोकने के लिए बीएसएफ और अन्य एजेंसियों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। बीएसएफ ने कहा है कि "हम #WarOnDrugs के तहत संगठित तस्करी नेटवर्क के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई जारी रखेंगे। यह कार्रवाई समाज को सुरक्षित रखने और युवाओं को नशीली दवाओं के जाल से बचाने के लिए की जा रही है।"
BSF की भविष्य की योजना
बीएसएफ ने अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर इस तरह के अभियानों को और तेज करने का संकल्प लिया है। मिजोरम में नशीली दवाओं की तस्करी के खिलाफ यह संयुक्त प्रयास क्षेत्र में संगठित अपराध पर नकेल कसने का प्रतीक है।