मिजोरम में बैराबी से सैरांग रेलवे लाइन का उद्घाटन: यात्रा समय में कमी

बैराबी से सैरांग रेलवे लाइन का महत्व
बैराबी से सैरांग रेलवे लाइन: मिजोरम में नई रेलवे लाइन के निर्माण से राजधानी आइज़ोल को सीधी रेल कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे यात्रा का समय चार घंटे तक घट जाएगा। यह रेलवे लाइन बैराबी से सैरांग के बीच बनाई गई है। इस परियोजना पर 51.38 किलोमीटर की दूरी के लिए 8,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। बैराबी से सैरांग रेलवे लाइन पर यात्री ट्रेनें 100 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलेंगी।
सात घंटे की यात्रा अब तीन घंटे में
आइज़ोल तक रेल संपर्क का सपना साकार
आइज़ोल तक रेल संपर्क का सपना जल्द ही पूरा होने वाला है। मिज़ोरम की नई बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सप्ताह करेंगे। इस रेलवे लाइन के चालू होने के बाद आइज़ोल और सिलचर के बीच सड़क मार्ग से लगने वाले लगभग सात घंटे के समय को रेल मार्ग से केवल तीन घंटे में पूरा किया जा सकेगा। इस नई रेल लाइन पर यात्री ट्रेनें 100 किमी प्रति घंटे की गति से चल सकेंगी।
बैराबी-सैरांग रेलवे परियोजना की विशेषताएँ
इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना
लगभग 8,000 करोड़ रुपये की लागत से बनी 51.38 किलोमीटर लंबी बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन इंजीनियरिंग का एक अद्भुत उदाहरण है। इसमें 48 सुरंगें, 55 बड़े पुल और 87 छोटे पुल शामिल हैं। सुरंगों की कुल लंबाई 12,853 मीटर है, और पुल संख्या 196 की ऊंचाई 104 मीटर है, जो कुतुब मीनार से 42 मीटर ऊँची है। इस परियोजना में 5 रोड ओवर ब्रिज और 6 रोड अंडर ब्रिज भी शामिल हैं। यह परियोजना चार खंडों में विभाजित है: बैराबी-हॉर्टोकी, हॉर्टोकी-कावनपुई, कावनपुई-मुआलखांग और मुआलखांग-सैरांग।
परियोजना का सामाजिक-आर्थिक महत्व
आइज़ोल से सीधा रेल संपर्क
बैराबी-सैरांग नई रेल लाइन परियोजना ने पहली बार राज्य की राजधानी आइज़ोल से सीधा रेल संपर्क स्थापित किया है। इससे यात्री और माल ढुलाई में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, साथ ही सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। इस वर्ष की शुरुआत में रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने होरटोकी से सैरांग तक नवनिर्मित ब्रॉड गेज लाइन को चालू करने की अनुमति दी थी, जो बैराबी-सैरांग रेल लाइन परियोजना का अंतिम चरण है।
एक डीज़ल इंजन द्वारा खींची गई निरीक्षण स्पेशल ट्रेन का उपयोग करके स्पीड ट्रायल किया गया। होरटोकी-सैरांग खंड पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है और इसमें 32 सुरंगें और 35 प्रमुख पुल शामिल हैं। अब पूरी 51.38 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइन परियोजना पूरी हो गई है, जिससे पहली बार राज्य की राजधानी से सीधा रेल संपर्क जुड़ गया है।