मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर यातायात सामान्य, लेकिन जाम की समस्या बनी हुई है

मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर यातायात की स्थिति
मुंबई-अहमदाबाद हाईवे: गुरुवार की सुबह से मुंबई-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात सामान्य रूप से चल रहा है। इससे पहले, इस मार्ग पर चार दिनों तक वाहनों की लंबी कतारें देखी गई थीं। यात्रियों ने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा करते हुए बताया कि वे पांच से आठ घंटे तक फंसे रहे। कई एम्बुलेंस भी जाम में फंसी रहीं, जिससे कई यात्रियों की उड़ानें और ट्रेनें छूट गईं।
सड़क निर्माण कार्य के कारण समस्या
ठाणे के गायमुख घाट क्षेत्र में सड़क मरम्मत के चलते भारी वाहनों के लिए मार्ग तीन दिनों तक बंद रहा। अधिकारियों ने वैकल्पिक मार्ग निर्धारित किए थे, लेकिन कई ट्रक चालकों ने इन निर्देशों का पालन नहीं किया। इसके परिणामस्वरूप, एनएच-48 पर वाहनों की भीड़ लग गई और ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित हो गई। स्थानीय निवासियों का कहना है, 'हम हर कुछ महीनों में इसी समस्या का सामना करते हैं। मरम्मत या बारिश के कारण सड़कें बंद हो जाती हैं और हमें घंटों तक फंसे रहना पड़ता है।'
जाम की समस्या का पुराना इतिहास
यह जाम कोई नई समस्या नहीं है। पिछले सात-आठ वर्षों से एनएच-48 इस समस्या से जूझ रहा है। वर्सोवा पुल की मरम्मत और नए पुल के निर्माण के दौरान यह मार्ग लगभग दो वर्षों तक रोजाना ठप रहा। सरकार ने सड़क को सीमेंट-कंक्रीट से अपग्रेड करने के लिए 600 करोड़ रुपये खर्च किए, लेकिन मानसून आते ही गड्ढे और उखड़ी सड़कें फिर से समस्या बन जाती हैं।
महत्वपूर्ण आर्थिक मार्ग
एनएच-48 महाराष्ट्र और गुजरात के बीच एक महत्वपूर्ण आर्थिक मार्ग है। यह मुंबई, ठाणे और पुणे जैसे प्रमुख औद्योगिक शहरों से होकर गुजरता है। हालांकि, यह विडंबना है कि देश के अन्य हिस्सों में नए एक्सप्रेसवे और सुरंगें तेजी से बन रही हैं, जबकि यह राजमार्ग रोजमर्रा की समस्याओं का प्रतीक बन गया है।
स्थानीय लोगों की मजबूरी
वसई-विरार और पालघर क्षेत्र के निवासी इस मार्ग को 'मजबूरी की सड़क' कहते हैं, क्योंकि मुंबई जाने का यही एक व्यावहारिक रास्ता है। वैकल्पिक 'रो-रो फ़ेरी सेवा' भी अक्सर ओवरलोड रहती है, जिससे यात्रियों को सड़क पर अतिरिक्त पांच घंटे लग जाते हैं।