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मुंबई एयरपोर्ट पर वन्यजीव तस्करी का मामला, यात्री गिरफ्तार

मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक यात्री को वन्यजीव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। 9 जून 2025 को कस्टम्स अधिकारियों ने उसकी बैग से 94 विदेशी वन्यजीव प्रजातियां जब्त कीं, जिनमें जीवित और मृत दोनों शामिल थे। इस मामले ने वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को उजागर किया है। कस्टम्स अधिकारी इस तस्करी के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की जांच कर रहे हैं।
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मुंबई एयरपोर्ट पर वन्यजीव तस्करी का मामला, यात्री गिरफ्तार

मुंबई एयरपोर्ट पर तस्करी का मामला

9 जून 2025 को मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (CSMIA) पर कस्टम्स जोन-III के अधिकारियों ने एक भारतीय यात्री को रोका, जो बैंकॉक से फ्लाइट नंबर AI338 से आया था। यात्री की घबराहट और प्रोफाइलिंग के आधार पर उसे संदेह के चलते रोका गया। उसके सामान की जांच में 94 विदेशी वन्यजीव प्रजातियां पाई गईं, जिनमें कुछ जीवित और कुछ मृत थीं। कस्टम्स ने इन प्रजातियों को 9 जून को जब्त कर लिया और यात्री को कस्टम्स एक्ट 1962 के तहत गिरफ्तार किया गया। मामले की विस्तृत जांच जारी है।



बैग में मिलीं वन्यजीव प्रजातियां



  • चाको गोल्डन नी टारेंटयुला (1 जीवित) – CITES में सूचीबद्ध नहीं।

  • टारेंटयुला (ब्रैकाइपेल्मा प्रजाति, 1 जीवित) – CITES परिशिष्ट-II और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के शेड्यूल IV में सूचीबद्ध।

  • इगुआना (80, जिसमें 50 जीवित और 30 मृत) – CITES परिशिष्ट-II और शेड्यूल IV।

  • ल्यूसिस्टिक शुगर ग्लाइडर (6 जीवित) – CITES में सूचीबद्ध नहीं।

  • फायर-टेल्ड सनबर्ड (1 मृत) – वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के शेड्यूल-I में सूचीबद्ध।

  • पर्पल थ्रोटेड सनबर्ड (1 मृत) – CITES में सूचीबद्ध नहीं।

  • क्रेस्टेड फिंचबिल (2 जीवित) – CITES में सूचीबद्ध नहीं।

  • हनी बेयर (1 जीवित) – CITES परिशिष्ट-III में सूचीबद्ध।

  • ब्राजीलियाई चेरी हेड कछुआ (2 जीवित) – CITES परिशिष्ट-II और शेड्यूल IV।


वन्यजीव संरक्षण के लिए गंभीर खतरा
यह तस्करी का मामला वन्यजीव संरक्षण के लिए गंभीर खतरा दर्शाता है। CITES (कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल ट्रेड इन एंडेंजर्ड स्पीशीज़) और भारत के वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत कई जब्त प्रजातियां संरक्षित हैं। कस्टम्स अधिकारियों ने बताया कि ऐसी तस्करी वैश्विक जैव-विविधता को नुकसान पहुंचाती है। एक कस्टम्स अधिकारी ने कहा, “हम तस्करी के इस नेटवर्क का पता लगाने के लिए गहन जांच कर रहे हैं।”


जांच में जुटी पुलिस
मुंबई कस्टम्स इस मामले में तस्करी के अंतरराष्ट्रीय रैकेट की जांच कर रही है। यात्री से पूछताछ के आधार पर बैंकॉक और भारत के बीच संभावित तस्करी नेटवर्क का खुलासा हो सकता है। यह घटना वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित करती है।