मुंबई में गणपति विसर्जन के दौरान दर्दनाक हादसा: एक की मौत, कई घायल

गणेश विसर्जन 2025 में हादसा
Ganesh Visarjan 2025: मुंबई के साकीनाका क्षेत्र में गणपति विसर्जन के दौरान एक दुखद घटना घटी। खैरानी रोड पर एसजे स्टूडियो के पास श्रद्धालुओं का एक समूह मूर्ति लेकर जा रहा था, तभी छह लोग हाईटेंशन बिजली के तार की चपेट में आ गए। इस हादसे में एक श्रद्धालु की जान चली गई और पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए, जिससे उत्सव का माहौल शोक में बदल गया।
मृतक की पहचान
मृतक की पहचान
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब जुलूस बिजली की लाइन के नीचे से गुजर रहा था। अचानक तार से संपर्क होते ही कई लोग झटके से गिर पड़े और मौके पर अफरा-तफरी मच गई। मृतक की पहचान बीनू शिवकुमार उर्फ विनू के रूप में हुई है। घायलों में तुषार गुप्ता (18), धर्मराज गुप्ता (44), आरुष गुप्ता (12), शंभू कामी (20) और करण कनौजिया (14) शामिल हैं। इनमें से चार को साकीनाका स्थित पैरामाउंट अस्पताल और एक को सेवन हिल्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों ने चार पीड़ितों की हालत को गंभीर बताया है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
घटना की जानकारी मिलते ही परिजन और स्थानीय लोग अस्पताल में इकट्ठा हो गए। माहौल गमगीन था और लोग अपने प्रियजनों की सलामती की दुआ कर रहे थे। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता महेंद्र भानुशाली भी मौके पर पहुंचे और हादसे पर दुख व्यक्त किया।
गणपति विसर्जन का भव्य आयोजन
मुंबई में गणपति विसर्जन का भव्य आयोजन
इस दुखद घटना के बावजूद पूरे मुंबई में गणपति विसर्जन का आयोजन भव्य तरीके से हुआ। बीएमसी के अनुसार, रात 9 बजे तक 18,186 गणपति प्रतिमाओं, 1,058 सार्वजनिक मंडल की मूर्तियों और 258 देवी प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। बारिश और ट्रैफिक की चुनौतियों के बीच शहर भर में चौपाटियों और कृत्रिम तालाबों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।
लालबागचा राजा सहित कई प्रसिद्ध मंडलों की मूर्तियों को धूमधाम से विदा किया गया। रास्तों पर पारंपरिक ढोल-ताशों की थाप, गुलाल के बादल और “गणपति बप्पा मोरया” के नारों ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। लालबाग क्षेत्र में मूर्ति पर पुष्पवर्षा की गई और राफेल विमान के मॉडल ने विशेष आकर्षण खींचा।
प्रशासन के विशेष इंतजाम
प्रशासन ने किए विशेष इंतजाम
विसर्जन व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए। पुलिस के 21,000 से अधिक जवान तैनात किए गए और कई बस मार्ग अस्थायी रूप से बदले गए। दिन में बम धमकी की खबर मिलने के बावजूद सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही।
मुंबई की सड़कों, समुद्र तटों और गलियों से गुजरते हुए भक्त गणपति को विदा करते रहे। हादसे की पीड़ा के बावजूद शहर ने भक्ति और आस्था का अनोखा उदाहरण पेश किया, जहां उत्सव और भावनाएं साथ-साथ दिखीं।