मुंबई में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में पूर्व सैनिक गिरफ्तार
चौंकाने वाला मामला सामने आया
मुंबई के पूर्वी उपनगर में एक गंभीर घटना में, एक रिटायर्ड सैनिक को अपनी नाबालिग पड़ोसी के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार, 59 वर्षीय आरोपी ने दो अलग-अलग मौकों पर बच्ची के साथ यह अपराध किया और उसे धमकी दी कि वह किसी को नहीं बताएगी। यह मामला तब सामने आया जब बच्ची को तेज दर्द की शिकायत पर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसकी गर्भावस्था की पुष्टि की।
अस्पताल में हुआ खुलासा
अस्पताल में जांच से हुआ चौंकाने वाला खुलासा
पुलिस के अनुसार, बच्ची कई दिनों से पेट दर्द से परेशान थी, लेकिन उसके माता-पिता ने इसे सामान्य समझकर नजरअंदाज किया। जब दर्द बढ़ गया, तो उसे सायन अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची दो महीने की गर्भवती है। इस जानकारी से परिजन हैरान रह गए और उन्होंने पुलिस को सूचित किया।
लड़की ने बताई आपबीती
लड़की ने डर के बीच बताई आपबीती
लड़की ने पहले डर के कारण कुछ नहीं बताया, लेकिन अस्पताल में इलाज के दौरान माता-पिता के कहने पर उसने पूरी घटना का खुलासा किया। उसने बताया कि आरोपी, जो उनका पड़ोसी है, ने सितंबर और अक्टूबर के पहले सप्ताह में दो बार दुष्कर्म किया और जान से मारने की धमकी दी।
पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई
पुलिस ने तुरंत की कार्रवाई
शिकायत मिलने के तुरंत बाद, मुंबई पुलिस ने पूर्व सैनिक को गिरफ्तार कर लिया। जांच में पता चला कि आरोपी उत्तर प्रदेश का निवासी है और कुछ वर्षों से मुंबई में सुरक्षा गार्ड के रूप में कार्यरत था। पुलिस ने उसे भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार किया।
अदालत ने आरोपी को पुलिस हिरासत में भेजा
अदालत ने 12 नवंबर तक भेजा पुलिस हिरासत में
मुंबई पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश किया, जहां उसे 12 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि आरोपी से पूछताछ जारी है और बच्ची का मेडिकल परीक्षण भी पूरा हो चुका है। पुलिस अब फोरेंसिक रिपोर्ट और मेडिकल साक्ष्यों के आधार पर आगे की जांच कर रही है।
समाज में सुरक्षा को लेकर चिंता
समाज में बढ़ती चिंता और सुरक्षा सवाल
इस घटना ने बाल सुरक्षा के मुद्दे पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय निवासियों ने पुलिस से बच्चों की सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठाने की मांग की है। विशेषज्ञों का मानना है कि समाज में ऐसे मामलों के प्रति जागरूकता और सख्त कानूनी कार्रवाई आवश्यक है ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके।
