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मुंबई में प्रदूषण की स्थिति: हवा की गुणवत्ता गंभीर स्तर पर पहुंची

मुंबई में हाल के दिनों में प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो गई है, जहां हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई है। बुधवार की सुबह ठंडक का अनुभव करने के बाद, शहर में धुंध और प्रदूषण ने लोगों को परेशान किया। निर्माण कार्य और भारी ट्रैफिक के कारण स्थिति और बिगड़ गई है। जानें किन क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक है और इसके स्वास्थ्य पर प्रभाव।
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मुंबई में प्रदूषण की स्थिति: हवा की गुणवत्ता गंभीर स्तर पर पहुंची

मुंबई का मौसम: ठंडक और धुंध का सामना


मुंबई: बुधवार की सुबह मुंबई के निवासियों के लिए कुछ राहत लेकर आई, क्योंकि इस साल के अंतिम दिन ठंडक का अनुभव हुआ। इस दिन सुबह का मौसम साफ था, हल्की हवा चल रही थी और नमी भी कम थी, जिससे 2025 की अंतिम सुबह ठंडी और सुखद महसूस हुई। लोगों ने सर्दी का हल्का अनुभव किया।


धुंध और प्रदूषण की समस्या

जैसे-जैसे दिन बढ़ा, शहर के कई हिस्सों में घना कोहरा और धुंध छा गई। इससे न केवल दृश्यता में कमी आई, बल्कि मुंबई की हवा की खराब स्थिति भी सामने आई। भारतीय मौसम विभाग ने दिन में धूप और अच्छे मौसम की भविष्यवाणी की थी, जिसमें तापमान 18 से 31 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की उम्मीद थी। फिर भी, सुबह बाहर निकलने वाले लोगों को प्रदूषित और बदबूदार हवा का सामना करना पड़ा, विशेषकर व्यस्त ट्रैफिक वाले क्षेत्रों में।


हवा की गुणवत्ता में गिरावट

हवा की गुणवत्ता हुई बेहद खराब


दिल्ली के बाद अब मुंबई में भी दूषित हवा एक गंभीर समस्या बन गई है। वायु गुणवत्ता के आंकड़ों के अनुसार, मुंबई का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) सुबह करीब 358 दर्ज किया गया, जो कि 'गंभीर' श्रेणी में आता है। इसका अर्थ है कि यह हवा स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है।


यह विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और सांस या दिल की बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए अधिक खतरनाक हो सकता है। हाल के कुछ हफ्तों में प्रदूषण में थोड़ी कमी आई थी, लेकिन अब स्थिति फिर से बिगड़ती नजर आ रही है।


प्रदूषण के कारण

मुंबई में प्रदूषण बढ़ने के मुख्य कारण


मुंबई में बढ़ते प्रदूषण का मुख्य कारण शहर में चल रहे निर्माण कार्य हैं। मेट्रो प्रोजेक्ट, फ्लाईओवर, कोस्टल रोड, सड़क चौड़ीकरण और बड़े पैमाने पर रियल एस्टेट निर्माण से हवा में धूल उड़ रही है। इसके अलावा, भारी ट्रैफिक और वाहनों से निकलने वाला धुआं स्थिति को और खराब कर रहा है।


प्रदूषण से प्रभावित क्षेत्र

सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके


शहर के कुछ क्षेत्र प्रदूषण के मामले में सबसे चिंताजनक स्थिति में हैं। चेंबूर और वडाला ट्रक टर्मिनल में AQI बहुत अधिक दर्ज किया गया, जो 'खतरनाक' श्रेणी में आता है। कोलाबा, कुर्ला और बांद्रा जैसे क्षेत्रों में भी हवा की स्थिति बेहद खराब पाई गई।


उपनगरीय क्षेत्रों में हालात थोड़े बेहतर हैं, लेकिन वहां भी हवा को साफ नहीं कहा जा सकता। कांदिवली, गोवंडी, बोरीवली, मलाड और चारकोप जैसे क्षेत्रों में AQI 'अस्वास्थ्यकर' से लेकर 'गंभीर' श्रेणी के बीच दर्ज किया गया।


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वायु गुणवत्ता वर्गीकरण के अनुसार, 0 से 50 के बीच AQI स्तर को 'अच्छा' माना जाता है, जबकि 51–100 को 'ठीक-ठाक' या 'मध्यम', 101 से 200 को 'खराब', 201 से 300 को 'अस्वास्थ्यकर' और 300 से ऊपर के स्तर 'गंभीर' या 'खतरनाक' श्रेणी में आते हैं। कई बार यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।