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मुंबई में बम धमकी का मामला: 51 वर्षीय आरोपी गिरफ्तार

मुंबई में गणेश विसर्जन से पहले एक बम धमकी ने शहर में दहशत फैला दी थी। पुलिस ने 51 वर्षीय अश्विनी कुमार को गिरफ्तार किया, जिसने झूठी सूचना दी थी कि शहर में 34 मानव बम और 400 किलो आरडीएक्स हैं। जांच में पता चला कि उसने अपने दोस्त को फंसाने के लिए यह धमकी दी थी। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
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मुंबई में बम धमकी का मामला: 51 वर्षीय आरोपी गिरफ्तार

मुंबई बम धमकी का मामला

मुंबई बम धमकी: गणेश विसर्जन से पहले मुंबई में फैली दहशत अब समाप्त होती दिख रही है। पुलिस ने नोएडा से 51 वर्षीय अश्विनी कुमार को गिरफ्तार किया है, जिसने शहर में 34 मानव बम और 400 किलो आरडीएक्स रखने की झूठी सूचना दी थी। मुंबई ट्रैफिक पुलिस के आधिकारिक व्हाट्सएप नंबर पर भेजे गए संदेश में कहा गया था कि '34 मानव बम शहर में लगाए गए हैं और 14 पाकिस्तानी आतंकवादी भारत में घुस चुके हैं।'


संदेश भेजने वाले ने खुद को 'लश्कर-ए-जिहादी' संगठन से संबंधित बताया और धमकी दी कि विस्फोटों में 400 किलो आरडीएक्स का उपयोग किया जाएगा। यह धमकी उस समय आई जब मुंबई में गणेश विसर्जन का आयोजन होने वाला था, जिसके बाद शहर में सुरक्षा बढ़ा दी गई और हाई अलर्ट घोषित किया गया।


आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी

पुलिस की जांच में संदेश भेजने वाले की पहचान अश्विनी कुमार के रूप में हुई। वह पटना (बिहार) के पाटलिपुत्र का निवासी है और पिछले पांच वर्षों से नोएडा में ज्योतिष का कार्य कर रहा था। मुंबई पुलिस ने उसे नोएडा से गिरफ्तार किया और उसके पास से कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए।


जांच में यह भी पता चला कि अश्विनी ने यह धमकी अपने दोस्त फिरोज को फंसाने के लिए दी थी। एफआईआर के अनुसार, 2023 में पटना के फुलवारी शरीफ थाने में फिरोज के खिलाफ दर्ज एक मामले में अश्विनी को गिरफ्तार किया गया था और उसने तीन महीने जेल में बिताए थे। बदला लेने के लिए उसने मुंबई पुलिस को फिरोज के नाम से धमकी भरा संदेश भेजा।


पुलिस ने बरामद किया सामान

अश्विनी के पास से पुलिस ने तकनीकी उपकरणों का एक बड़ा जखीरा बरामद किया, जिसमें सात मोबाइल फोन, तीन सिम कार्ड, छह मेमोरी कार्ड होल्डर, एक सिम स्लॉट एक्सटर्नल, दो डिजिटल कार्ड, चार सिम कार्ड होल्डर और एक मेमोरी कार्ड होल्डर शामिल हैं।


मुंबई पुलिस ने कहा कि धमकी की जांच के बाद यह स्पष्ट हो गया कि यह संदेश फर्जी था। पुलिस अधिकारियों ने बताया, 'आरोपी ने जानबूझकर यह संदेश भेजकर शहर में दहशत फैलाने की कोशिश की। तकनीकी जांच में पता चला कि संदेश नोएडा से भेजा गया था।'