मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने फतेहगढ़ साहिब में शहादत सभा में श्रद्धांजलि अर्पित की
मुख्यमंत्री का श्रद्धांजलि अर्पित करना
चंडीगढ़/फतेहगढ़ साहिब - पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज सुबह ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब में जाकर माता गुजरी जी और छोटे साहिबज़ादों बाबा ज़ोरावर सिंह तथा बाबा फतेह सिंह जी की अद्वितीय शहादत को नमन किया।
शहादत सभा का महत्व
मुख्यमंत्री ने शहादत सभा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पूरा पंजाब इन दिनों को ‘शोक के दिनों’ के रूप में मनाता है, क्योंकि इसी दौरान अत्याचारी शासकों ने छोटे साहिबज़ादों को जीवित दीवार में चिनवा दिया था। उन्होंने कहा कि यह अद्वितीय कुर्बानी न केवल पंजाबियों और देशवासियों के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत है। मुख्यमंत्री ने बताया कि शहादत सभा के दौरान लगभग 50 लाख श्रद्धालु फतेहगढ़ साहिब पहुंचकर गुरु घर का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।
महान कुर्बानियों का महत्व
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ये महान कुर्बानियां मानवता के इतिहास में बेमिसाल हैं, जो आने वाली पीढ़ियों को अन्याय के खिलाफ संघर्ष करने की प्रेरणा देती रहेंगी। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की हर एक इंच भूमि पवित्र है, जिससे बड़ी संख्या में लोग इस पावन स्थल पर नमन करने आते हैं। यह पवित्र धरती केवल सिखों के लिए नहीं, बल्कि समूची मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
धर्म के अधिकार की रक्षा
बाबा ज़ोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की महान कुर्बानी का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्म अपनाने के मानव अधिकार की रक्षा के लिए छोटे साहिबज़ादों द्वारा दी गई यह कुर्बानी मानव इतिहास की अद्वितीय घटना है। उन्होंने कहा कि सिख इतिहास में इसे ‘नन्ही जानों का बड़ा साका’ कहा जाता है। भले ही यह घटना तीन शताब्दियों से अधिक समय पहले हुई थी, लेकिन आज भी सिख जगत इसकी पीड़ा को महसूस करता है।
सरकारी प्रबंध और श्रद्धालुओं की सुविधा
मुख्यमंत्री ने बताया कि दुनिया भर से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं, यातायात, स्वच्छता, सुरक्षा व्यवस्था और अन्य इंतजाम व्यापक स्तर पर किए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि शहादत सभा के अवसर पर संगत के लिए व्यवस्थाएं करना सरकार का प्राथमिक कर्तव्य है।
गुरु तेग बहादुर जी का शहादत दिवस
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस वर्ष नौवें पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहादत दिवस भी श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर नवंबर में श्री आनंदपुर साहिब से जुड़े तीन शहरों को पवित्र शहरों का दर्जा देने की घोषणा की गई थी।
वीर बाल दिवस पर विवाद
छोटे साहिबज़ादों की शहादत के दिवस को ‘वीर बाल दिवस’ नाम देने के विवाद पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जब यह नाम रखने का निर्णय लिया था, तब शिरोमणि अकाली दल ने इसका समर्थन किया था। लेकिन संगत के विरोध के कारण अब वे इससे पीछे हट रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि साहिबज़ादों की कुर्बानी को शब्दों में नहीं बयान किया जा सकता।
