मुख्यमंत्री योगी ने 2,425 मुख्य सेविकाओं और 13 फार्मासिस्टों को नियुक्ति पत्र सौंपे

मुख्यमंत्री का नियुक्ति पत्र वितरण समारोह
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लोक भवन में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में 2,425 मुख्य सेविकाओं और 13 फार्मासिस्टों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी नवनियुक्त युवाओं को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने युवाओं को अपने कर्तव्यों को ईमानदारी से निभाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि युवा शक्ति की ऊर्जा और प्रतिभा से हम 'विकसित उत्तर प्रदेश' की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 के लक्ष्य के अनुरूप 'विकसित भारत' में योगदान कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि दुधवा नेशनल पार्क के थारू जनजाति से कोई बेटी चयनित होती है, तो यह चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता को दर्शाता है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी दूरदराज के जनपद जैसे आजमगढ़, अमरोहा, बिजनौर, शामली, ललितपुर, जालौन, या सोनभद्र से कोई बेटी चयनित होती है, तो यह निष्पक्ष चयन प्रक्रिया का संकेत है। पहले जिन लोगों तक नौकरी नहीं पहुंच पाती थी, आज उन तक यह अवसर पहुंच रहा है।
उन्होंने कहा कि यदि चयन प्रक्रिया में किसी के साथ भेदभाव नहीं हुआ है, तो हमें भी किसी के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि जो विद्यालय भवन अच्छी स्थिति में होंगे, वहां 'बाल वाटिका' (प्री-प्राइमरी स्कूल) चलाए जाएंगे। इसके साथ ही, 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए पोषण मिशन का एक विशेष अभियान भी चलाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग और बेसिक शिक्षा परिषद ने 5,000 बाल वाटिकाओं को सफलतापूर्वक संचालित करने की प्रक्रिया में शामिल किया है।
मुख्यमंत्री ने 'मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना' का भी उल्लेख किया, जिसके तहत 26 लाख से अधिक बेटियों को लाभान्वित किया जा रहा है। इस योजना के तहत बेटियों को जन्म से लेकर स्नातक तक की पढ़ाई के लिए कुल ₹25,000 की सहायता दी जा रही है। विवाह योग्य बेटियों के लिए सरकार ने 'मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना' के तहत ₹1 लाख की व्यवस्था की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज 2,425 मुख्य सेविकाओं के नियुक्ति पत्र वितरित किए जा रहे हैं। इसके अलावा, 19,424 आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की नियुक्ति प्रक्रिया भी सफलतापूर्वक संपन्न हो चुकी है। यह एक ऐतिहासिक नियुक्ति है, और 3,000 से अधिक आंगनवाड़ी सहायिकाओं को प्रमोशन दिया गया है। 22,290 मिनी आंगनवाड़ी को मुख्य आंगनवाड़ी केंद्र में परिवर्तित किया गया है। वर्ष 2047 का लक्ष्य एक ऐसा भारत बनाना है जो विकसित, आत्मनिर्भर और समृद्ध हो।