मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का जापान दौरा: तकनीकी और औद्योगिक सहयोग की नई संभावनाएं

मुख्यमंत्री का टोक्यो प्रवास
ओसाका वर्ल्ड एक्सपो में छत्तीसगढ़ की भागीदारी से पहले, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 22 अगस्त को टोक्यो में आध्यात्मिकता, तकनीक और व्यापार कूटनीति के संगम के साथ अपनी यात्रा की शुरुआत की। टोक्यो पहुंचते ही, उन्होंने ऐतिहासिक असाकुसा मंदिर का दौरा किया, जो शहर का सबसे पुराना और प्रतिष्ठित मंदिर है, और इसे शांति और सामर्थ्य का प्रतीक माना जाता है। मुख्यमंत्री ने मंदिर में पूजा-अर्चना कर छत्तीसगढ़ की 3 करोड़ जनता की खुशहाली और समृद्धि की कामना की।
सूचना प्रौद्योगिकी में नवाचार की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने एनटीटी लिमिटेड की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुश्री कायो इतो से मुलाकात की। एनटीटी, जो विश्व की प्रमुख आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल समाधान कंपनियों में से एक है, की वार्षिक आय 90 अरब अमेरिकी डॉलर है और यह 50 से अधिक देशों में कार्यरत है। इस बैठक में छत्तीसगढ़ में तकनीकी निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री ने राज्य में डिजिटल इकोसिस्टम को मजबूत करने पर जोर दिया। एनटीटी विश्वभर में क्लाउड कम्प्यूटिंग और साइबर सुरक्षा जैसे अत्याधुनिक आईटी समाधान प्रदान कर रही है और डिजिटल परिवर्तन में अग्रणी भूमिका निभा रही है।
सांस्कृतिक रिश्तों और व्यापारिक साझेदारी को मजबूती
शाम को, भारत के जापान में राजदूत सिबी जॉर्ज द्वारा आयोजित औपचारिक रात्रिभोज में मुख्यमंत्री साय और उनके प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया। इस अवसर पर इंडो-पैसिफिक देशों को उद्योग और व्यापार के माध्यम से जोड़ने की आवश्यकता पर चर्चा की गई। इसमें आर्थिक स्थिरता, व्यापारिक सुरक्षा, पारिस्थितिकीय संतुलन और औद्योगिक वृद्धि की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया गया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जापान की उन्नत तकनीक और भारत की कुशल जनशक्ति के संयोजन से औद्योगिक सहयोग की व्यापक संभावनाएं हैं। उन्होंने सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने और छत्तीसगढ़ को जापानी पर्यटकों के लिए एक आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में प्रस्तुत करने पर भी जोर दिया।
वैश्विक सेतु निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
मुख्यमंत्री साय और उनके प्रतिनिधिमंडल का यह पहला दिन उपलब्धियों से भरा रहा। इसमें व्यापार, तकनीक और कूटनीति से जुड़े महत्वपूर्ण अवसरों की खोज की गई। इन प्रयासों से छत्तीसगढ़ को तीव्र औद्योगिक विकास, डिजिटल नवाचार और वैश्विक साझेदारी के एक उभरते केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए।